Book Title: Pravachansaroddhar Part 1
Author(s): Nemichandrasuri
Publisher: Bharatiya Prachyatattva Prakashan Samiti
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प्राककथनम
पोल, अमदावाद ) । क्रमाङ्कम् ७९६, पत्राणि ३०५, प्रतिगर्न पनप पायः १:०, प्रतिपङ्क्ति अक्षप्रवचन- | राणि प्रायः ५६ । सारोद्धारे दैय-पृथुलते-११४४३ इंच। सटीके।
प्रान्ते लेखनप्रशस्ति:--"संवत् १५ आषाढादि ५१ वर्षे आषाढ शुदि १ बुधे श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनभद्रपुरीणां विजयराज्ये प्रवचनसारोद्धारवृत्तिलिखिता..."
प्रतिरियं विदुषा संशोधकेन संशोधिता, शुद्धप्राया च । कागदपत्रोपरिलिखिता। (५) वि% ___ इयं प्रतिरपि आचार्यश्रीमद् विजयसिद्धिसूरीश्वरजीशास्त्रसमहसत्का (जैन विद्याशाला, दोशीवाडानी पोल, अमदावाद ) कागदपत्रोपरिलिखिता ।
क्रमाकम् ७९५, पत्राणि ३६२, देय-पृथुलते १०३४४३ इंच
ग्रन्थलेखनप्रशस्तिः-"संवत् १५६३ वर्षे उत्तरायने ग्रीष्मऋतौ वैशाखमासे शुक्लपक्षे पूर्णिमायाँ तिथौ गुरुवासरे श्री स्तंभतीर्थे श्री श्री श्री हेमविमलमरिराज्ये पं० श्रुतसमुद्रगणि योग्यं लिखापितं ".... . इयै प्रतिरपि संशोधिता शुद्धप्राया च ।

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