Book Title: Pratikraman Sutra
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
View full book text
________________
एए३
प्रतिक्रमण सूत्र. यें बीजे पद सिद्धाणं ॥ त्रीजे पवयण आयरिय चोथे, पांचमे पद थेराणं रे ॥ नविया ॥ वीश स्थानक तप कीजें ॥ उली वीश करीजें रे॥ ज०॥ गणणुं एह गणीजें रे ॥ ज० ॥ जिम जिनपद पामीजें रे ॥ ज०॥ नरजव लाहो लीजें रे ॥ ज० ॥ वी० ॥१॥ए आंकणी ॥ उवजाय बढे सब साहूणं, सातमे आपमे नाण ॥ नवमे दंसण दसमे विणयस्स, चारित्र अगी यारमे जाण रे ॥ न० ॥ वी० ॥२॥बारमे बंजवयधारीणं, तेरसमे किरिया णं ॥ चउदमे तव पनरमे गोयम, सोलसमे नमो जिणाणं रे ॥ ज० ॥ वी० ॥३॥ चारित्तस्स सत्तरमे जपीयें, अढारसमे नाणस्स ॥ जंगणीश मे नमो सुयस्स संजारो, वीशमे नमो तिबस्स रे ॥ ज० ॥ वी० ॥ ४ ॥ एकासणादिक तप देववंदन, गणणुं दोय हजार ॥ संघ विनय बुध शिष्य सुदर्शन, जंपे एह विचार रे ॥ न ॥ वी० ॥ ५ ॥ इति ॥
॥शीयल विष शिखामणनी सद्याय ॥ ॥ ढाल ॥एतो नारी रे, बारी ने उर्गतितणी ॥ गंम संगति रे, मूरख तुं परस्त्री तणी ॥ जीव नोला रे, मोला तेहशुं म म करे ॥ शीख मानी रे, गनी वात तुं परिहरे ॥ १॥ त्रूटक ॥ जो वात करिश परनारी सायें, लोक सहु हेरे अ ॥ राय रांक थश्ने रख्या राने, सुखें नहिं बेसे पढ़ें ॥ ए मदनमाती विषय राती, जेसी काती कामिनी ॥ पहेदूं तो वली सुख देखाडे, पत्रे पाडे नामिनी ॥५॥ ढाल ॥ कर पगना रे, नयण वयण चाला करे ॥ बोलावी रे, नरने लेश धाई पडे ॥ नोलावी रे, हाव नाव देखामशे ॥ पगे लागी रे, मरकलडे मन पाडशे ॥३॥ त्रुटक ॥ ए पास पाडे धन गमाडे, मान खंडे लीलबी ॥ बोलती रूमी चित कू मी, कूम कपटनी कोथली ॥ ए नर अमूलक व्यसन परियो, पहें न पोसा ये पायको ॥ दीवान दंडे मान खंडे, मार सहे पजे रायको॥४॥ ढाल ॥ बांमी देशे रे, वेश्याना लंपट नरा ॥ सहु सधवा रे, विधवा दासी दूरें करा ॥ जा नाशी रे, रूप देखी जीव एह तणुं ॥ ऊजो रही रे, एह स हामुं म म जो घणुं ॥५॥ त्रूटक ॥घणुं म जोश एह सामुं, कुलस्त्री दी नवि गमे ॥ जिम शुनी पू- श्वान हीडे, तेम परनारी पूढे कां नमे ॥ जिम बिरामो दूध देखे, मोले डांग न देख ए ॥ परनार पेध्यो पुरु ष पापी, किस्यो जय न लेख ए ॥ ६ ॥ ढाल ॥ फुलवेणी रे, शिरसिंह
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620