Book Title: Pramey Kamal Marttand Author(s): Mahendramuni Publisher: Satya Bhamabai Pandurang View full book textPage 8
________________ प्रमेयकमलमार्तण्ड संस्करण में थी उनका यथानुभव सुधार किया है और खास खास स्थालों में ऐसी शुद्धियों को [ ] ऐसे या ( ) ऐसे ब्रेकिट में ही मुद्रित कराया है। प्रूफसम्बन्धी कुछ अशुद्धियाँ यदि प्रथम संस्करण की सुधारी गई हैं तो कुछ नई अशुद्धियाँ भी दृष्टिदोष और प्रेसकी दूरी के कारण हो गई हैं। जिनका स्थूल शुद्धिपत्र ग्रन्थके अन्त में लगा दिया है। ३ अवतरणनिर्देश-मूलग्रन्थ में जितने ग्रन्थान्तरीय अवतरण आए हैं, उन्हें डबलइन्वर्टेड कामा " " के साथ छपाया है और अवतरण के बाद ही [ ] इस ब्रेकिट में उनके मूलग्रन्थों के नाम दे दिए हैं। जिन अवतरणवाक्यों के मूलस्थल नहीं मिल सके हैं उनका [ ] ब्रेकिट खाली छोड़ दिया है। कुछ अवतरणों के स्थल ग्रन्थ के छप जाने पर खोजे जा सके हैं ऐसे अवतरणों के मूलस्थल परिशिष्ट (अवतरणसूची) में दे दिए हैं। - ४ विषयसूची-यह ग्रन्थ बहुतदिनों से गवर्नमेन्ट संस्कृत कालेज काशी, कलकत्ता, और बम्बई के जैन परीक्षालय के परीक्ष्य ग्रन्थक्रम में नियत है। अतः छात्रों की, तथा ग्रन्थगत प्रत्येक प्रकरण की मुख्य मुख्य दलीलों को संक्षेप में समझने के अभिलाषी इतर जिज्ञासु पाठकों की सुविधा के लिए प्रत्येक प्रकरण के पूर्वपक्ष और उत्तरपक्ष की युक्तियों की क्रमबद्ध विस्तृत विषयसूची बनाई है। छात्रों के लिए तो यह सूची नोट्स का काम देगी । इसके आधार से प्रत्येक प्रकरण सहज ही याद किया जा सकता है। ५ पाठान्तर-परिशिष्ट नं. ७ में जैनसिद्धान्तभवन आरा की प्रति के पाठान्तर दिए हैं। ये पाठान्तर ग्रन्थ छप जाने के बाद लिये गए हैं, अतः इन्हें ग्रन्थके अन्त में ही पृथक् मुद्रित कराया है। यद्यपि यह प्रति पूर्ण शुद्ध नहीं है। फिर भी इसके पाठभेद कहीं कहीं मेरे द्वारा सुधारे गए मूलपाठ के संवादक और कहीं कहीं स्वतन्त्ररूपसे शुद्धपाठ के निर्देशक हैं । यह प्रति अधिक पुरानी नहीं है। इसमें “१४४०३” साइज के २४९ पत्र हैं। पत्र के एक ओर १५ पंक्तियाँ और प्रत्येक पंक्ति में ४९-५० अक्षर हैं। ६ परिशष्ट-इस ग्रन्थ में निम्नलिखित ७ परिशिष्ट लगाए गए हैं-१ परीक्षामुख सूत्रपाठ। २ प्रमेयकमलमार्तण्डगत अवतरणों की सूची । ३ परीक्षा. मुख के लाक्षणिकशब्दों की सूची। ४ प्रमेयकमलमार्तण्ड के लाक्षणिकशब्दों की सूची । ५ प्रमेयकमलमार्तण्ड में निर्दिष्ट ग्रन्थ और ग्रन्थकारों की सूची । ६ प्रमेयकमलमार्तण्डगत विशिष्ट शब्दों की सूची । ७ आराकी प्रति के पाठान्तर । ७ परीक्षामुखसूत्रतुलना-यह तुलना प्रस्तावना के अनन्तर मुद्रित है। इसमें परीक्षामुख के पूर्ववर्ती दिमाग, धर्मकीर्ति और अकलङ्क के ग्रन्थ तथा उत्तरवर्ती वादिदेवसूरि और हेमचन्द्रके सूत्र ग्रन्थों से परीक्षामुखसूत्रों की तुलना की गई है। इससे सूत्रों के बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव का स्पष्ट बोध हो सकेगा।Page Navigation
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