Book Title: Prakrit Vyakaranam Part 2
Author(s): Hemchandracharya, Hemchandrasuri Acharya
Publisher: Atmaram Jain Model School

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Page 414
________________ A ndamayan ३९७ धातु-पाठः पीहर (निर्: ) ४/७१ पीहर (आङ् ऋन्द) ४१३१ गुम (छ) ४/२१ गुम (नि० प्रस्) ४१९२ गुब्ध (प्र० कास) ४/४५ गोरुल इक्षिप्) ४/१४३ ताछ (तक्ष्) ४.१९४ तब (तन्) ४/१३७ तड्या ). " तमास (भ्रम) ४३० तर (शक्) ४/८६ सलअण्ट (भ्रम्) ४.१६१ तालिप्रण्ट (भ्रम्) ४३० तीर (शक्) ४५६ तीर (त) ४/२५० तुट्ट (तुड्) ४/११६ तुट्ट (तुट्) ४/२३० सुर (स्वर) ४/१५२ तुवर (.)४१७० तुर, ४१७१ तेंव (प्र० दीप) ४१५२ तोड (तुइ) ४/११६ थक्क (स्था) ४१६ थक्क (फक्क)४/८७ थिप्प (तृप्) ४११३८ थिष्प (वि० गल) ४१७५ थुण (स्तु) ४२४१ थुव्य () ४२४२ एक्खद (वृश्) ४/३२ बझ (दह) ४/२४६ वह (धा) ४/९ बस (दश) ४/३२ वात्र (,) ४/३२ दुगुच्छ (जुगुप्स) ४४ * संस्कृत-हिन्दी-टीकाद्वयोपेतम् * दुगुञ्छ (जुगुप्स्) ४४ पज्जर (कथ) ४/२ दुब्भ (दुह)४/२४५ पज्झर (क्षर) ४/१७३ दुम (धवल) ४/२४ पट्ट (पिब्) ४/१० दुहाय (छिन्द) ४१२४ पदव (प्र. स्थापय) ४/३७ दूम (दुङ्) ४२३ पद (पत्) ४/२१९ देवख (दश) ४/१८१ परिजरग (अनु० अज्) ४१०७ धंस मुच) ४११ पहिसा (शम्) ४/१६७ धा (धाव) ४२२८ पडिसा (नश) ४/१७८ धाज़ (निर् सू) ४१७९ पह (शुभ) ४/१५४ घुरण (धूत्र) ४२४१ पणाम (अपि) ४/३९ धुमा (उद० ध्या) ४८ पदा (गम्) ४४१६२ धुवांधूञ्) ४:५९ पम्नाड (मृद) ४/१२६ धु०३ () ४२४२ पट्टस (वि० स्मृ) ४/७५ नच्च (तृत्) ४२२५ पहुह (स्मृ) ४३४ नट्ट (न) ४२२० पग (ग्रग्) ४२०९ नव (नम्) ४/२२६ पथर (स्मृ)४/७४ मस्स (ना) ४/२३० पयाल (क) ४/७० नासव (..) ४/३१ पमल्ल (३० सु) ४७७ नि (दुश) ४११८१ निअच्छ(.), परिप्रन्स (श्लिष्) ४१९. निमय (निर० मा) ४११९ परिअल (गम्) ४/१६२ रिम्पारण (..) , परिअल (... " निरय (स्था) ४१६ परिआल (वेष्ट) ४/५१ निरुवार (ग्रह) ४२०९ परिवाड (घ) ४/५० नीरज (भज) ४१०६ परिसाम (शम्) ४/१६७ नील (निर० मृ) ४/७९ . परिहट्ट (मृद) ४/१२६ चूम (छद्) ४/२१ परी (क्षिप) ४/१४३ पटल (पत्र) ४/९० परी (भ्रम्) ४१६१ पक्खोङ (दि० कोश्) ४/४२ । पलाव (नश्) ४/३१ पयस्थोड (शद्) ४१३० पल्लट्ट (परिप्रस्) ४/२०० पच्चड (क्षर) ४१७३ पलाहस्थ (परि० प्रस्) ४/२०० पच्चड्ड (गम्) ४/१६२ पलहत्य (वि. रिच) ४२६ पच्चार (उपा० लम्म) ४/१५६ पलोट्ट (प्रत्याङ्ग गम्) ४/१६६ पच्छद (गम्) ४/१६२ पलो (परि० अस्) ४/२०० पज्ज (पद्) ४/२२४ पवाय (म्लै) ४१८

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