Book Title: Prakrit Vidya 2000 07
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 105
________________ अभिमत 'प्राकृतविद्या' के नवीन अंक से ज्ञात हुआ कि श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ, प्राकृतभाषा विभाग ने शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम हासिल किया है, इसके लिये विद्यार्थियों के साथ-साथ आप भी बधाई के पात्र हैं। क्योंकि आपके ही विद्वत्तापूर्ण मार्गदर्शन का यह सुफल है । आचार्य द्वितीय वर्ष के परीक्षाफल में 82.5 प्रतिशत अंक हासिल करके श्रीमती रंजना जैन जी ने 'प्रथम स्थान प्राप्त किया है, इसके लिये उन्हें भी हमारी तरफ से बहुत - बहुत बधाईयाँ स्वीकृत हो । श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ इसी तरह से दिनों दिन उच्चांक हासिल करता रहे व उसके विद्यार्थी देश के गौरव में अपना सहयोग देते रहें यही हमारी शुभकामना है । 1 - सौ० शरयू दफ्तरी, मुम्बई ** ● 'प्राकृतविद्या' का अप्रैल-जून 2000 ई० का अंक मिला। प्राकृतविद्या के माध्यम से ही मुझे 'णमोकारमंत्र' का ज्ञान मिला। पिछले अंकों में कई प्रसंगों में इस मन्त्र के बारे में पढ़ा है। परन्तु इस अंक में श्री जयचन्द्र शर्मा का लेख 'णमोकारमंत्र की जापसंख्या और पंचतन्त्री वीणा' (जो 'अर्हत् वचन' से साभार लिया गया है) सर्वथा नई जानकारी प्रदान करता है। ध्वनि का प्रभाव आधुनिक चिकित्सा शास्त्री, वैज्ञानिक, एवं मनीषी विद्वान् सभी मानने लगे हैं। अक्षरांक - शक्ति के संदर्भ में 'णमोकारमंत्र' का वर्णन तथा ध्वनिशास्त्रसंबंधी विवेचनायें अद्भुत हैं । इस संदर्भ में महामंत्र की उपयोगिता एवं महत्ता और प्रस्फुटित हुई है । -डॉ० (श्रीमती) प्रवेश सक्सेना, नई दिल्ली ** प्राकृतविद्या का अंक पढ़ा, प्रत्येक लेख पठनीय है, श्रमण संस्कृति का केन्द्र भारत सनातन से है। गोरक्षक अहिंसक संस्कृति लेख पूज्य आचार्य विद्यानन्द जी महाराजकृत पढ़ा, इसमें दया प्राणीमात्र का मूल कहा है। “दया समो नहि धम्मो, अन्न समान उत्तम दानं । सत्तसमो नहि कीर्ति, सील समो न सिंगारो ।।” अर्थ:- दया समान धर्म, अन्न ही उत्तम दान व सत्त्व ही कीर्ति है, शील सभी का है । देव भी नतमस्तक होते हैं। आर्यों की धरोहर प्रतिमा व शास्त्र है 1 भूषण - वैद्य पं० नन्हेंलाल जैन 'प्रभाकर', चदेरिया ( म०प्र ) ** प्राकृतविद्या अप्रैल - जून 2000ई0 का अंक प्राप्त हुआ है । आभार । 'कातन्त्र प्राकृतविद्या�जुलाई-सितम्बर 2000 0 103

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