Book Title: Pragnapanasutram Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 16
________________ २६ क्षेत्रानुसार पंचेन्द्रियादिका अल्पवहुत्य ३२५-३३२ क्षेत्रानुसार पृथ्विकायादिका अल्पवहुत्व ३३३-३५४ , त्रसकायिकादिका अल्पवहुत्व ३५४-३५९ वन्धद्वारानुसार अल्पबहुत्वका कथन ३५९-३६९ पुद्गलद्वारानुसार अल्पबहुत्वका कथन ३६९-३८० परमाणुपुद्गलों के अल्पवहुत्यका कथन ३८१-४०२ महादण्डकानुसार सर्वजीवों के अल्प बहुत्वका कथन ४०२-४३७ चतुर्थ पद नैरयिकों की स्थिति का निरूपण ४३८-४४८ देव देवियों की स्थितिका निरूपण ४४९-४६१ पृथ्विकाय आदि की स्थितिका निरूपण ४६२-४७६ पंचेन्द्रियतिर्यग्योनिकों की स्थितिका निरूपण ४७६-४९२ मनुष्यों की स्थितिका निरूपण ४९२-४९४ वानव्यन्तर ज्योतिष्कदेवों को स्थितिका निरूपण ४९५-४९६ ज्योतिष्कदेवों की स्थिति का कथन ४९६-५०८ वैमानिक देवों की स्थिति का निरूपण ५०८-५२६ ग्रैवेयकदेवों की स्थिति का निरूपण ५२७-५३७ पांचवां पर्यायपद पर्यायके भेदों का निरूपण ' ५३९-५४५ नैरयिकादिकों के पर्यायका निरूपण ५७२-५८१ यमुरकुमारों के पर्यायका निरूपण ५७२-५८१ पृथ्वीकायिकों के पर्यायका निरूपण ५८१-६०२ द्वीन्द्रियादिकों के पर्यायका निरूपण ६०२-६१६ जघन्य अवगाहनाबाले नैरयिकों के पर्यायका निरूपण ६१६-६६० जघन्य नवगाहनावाले यमुरकुमारों के पर्यायका निरूपण ६६०-६६७ जघन्य अवगाहनावाले पृथ्विकायादिके। पर्याय का निरूपण ६६७-६८८ जघन्य अवगाहनावाले द्वीन्द्रिय के पर्याय का निरूपण ६८८-७०८ जघन्य अवगाहनावाले पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिकों के पायका निरूपण ७०९-७३८ जघन्य अवगाहनावाले मनुष्यों के पर्यायका निरूपग ७३८-७७३ ४१ २५ ४७ ४८

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