Book Title: Pragnapanasutram Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 15
________________ क्रमांक For 2014 प्रज्ञापनासूत्र भाग दूसरे की विषयानुक्रमणिका विषय पृष्ठांक तीसरा पददिशाकेअनुपात से अल्पवहुत्व का कथन १-८ विशेष प्रकार के जीवों का अल्पबहुत्वकथन ८-४७ गतिद्वारको लेकर अल्प बहुत्वका कथन ४७-५३ सेन्द्रियजीवों का निरूपण ५३-७१ कायद्वार का निरूपण ७१-९२ सूक्ष्म एवं वादरकायका निरूपण ९२-११५ बादर जीवों के अल्प बहुत्व का कथन ११६-१४७ सूक्ष्म एवं वादर जीवों के अल्पबहुत्व कथन १४७-१६९ सूक्ष्मवादर पृथ्विकायिकादिजीवों के अल्प बहुत्व का कथन १६९-१९० लेश्यावाले एवं विनालेश्यावाले जीवों के ____ अल्पवहुत्व का कथन १९१-२०४ सम्यगदृष्टि एवं मिथ्यादृष्टिवाले जीवों के ____ अल्पवहुत्व का कथन २०४-२०६ ज्ञानी एवं अज्ञानी जीवों के अण्पबहुत्व का कथन २०६-२१४ संयत एवं असंयतजीवों के अल्पवहुत्व का कथन २१४-२२० उपयोगवाले जीवों के अल्पवहुत्व का कथन २२०-२२१ आहारक अनाहारक जीवों के अल्पवहुत्व का कथन २२१-२२३ भाषक, अभाषक एवं परीतापरीत जीवों के अल्प बहुत्व का कथन २२३-२३१ सूक्ष्म एवं वादरादि एवं संज्ञी असंज्ञी जीवों का अल्पवहुत्व २३१-२३३ भव्याभव्यादि का स्वरूप २३३-२३५ धर्माधर्मास्तिकाय जीवों के अल्प वहुत्वका निरूपण २३५-२५८ जीव एवं पुद्गल के अल्प बहुत्व का कथन २५८-२६३ क्षेत्रानुसार जीव पुद्गलों का निरूपण २६३-२६६ क्षेत्रानुसार नैरयिकों के अल्पबहुल का विचार २६७-२८५ भवनपति देवों के अल्प वहुत्व का निरूपण २८६-३०९ क्षेत्रानुसार द्वीन्द्रियादिका अल्पवहुत्व ३०९-३२५

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