Book Title: Paushadh Vidhi
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 35
________________ ( ३३ ) [ पोसह मां काले शयन कर नहीं. निला लेवी नहीं. ( रात्रीने बीजे प्रहरे संथारा पोरिसी जणावीने निद्धा लेवी. ) १० पोसढमां सारी के नवारी स्त्रीसंबंधी कथा करवी नहीं. ११. पोसहमा १२ पोसहमां सारी या नवारी राजकथा के युद्ध कथा करवी नहीं. हारने सारो नवारो कहेवो नहीं १३ पोसहमां देशकथा करवी नहीं. १४ पोसहमां पूंज्या मिलेह्या विना लघुनीति वडी - नीति परठववी नहीं. १५. पोसहमां कोइनी निंदा करवी नहीं. १६ पोसहमां (वगर पोसाती ) माता, पिता, पुत्र, जाइ, स्त्री विगेरे संबंधी साथे वार्तालाप करवो नहीं. १७ पोसहमां चोर संबंधी वार्ता करवी नहीं. १० पोसहमां स्त्रीना अंगोपांग निरखीने जोवा नहीं. ढार दोष जरुर टालवा. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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