Book Title: Panchkappabhasam
Author(s): Labhsagar
Publisher: Agamoddharak Granthmala
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________________ स्थापनाकल्पः [295] पासत्थोसण्णकुसीलठाणपरिरक्खतो दुपक्खे वि। सो होति कुलत्थेरो कुलथेरगुणेहिं उववेदो // 2650 // चरणकरणे समग्गो जो जत्थ जदा गणप्पहाणोतु / सोहोति गणत्थेरो गणचरियवियाणओ धीरो 2651 पासत्थोसण्णकुसीलठाणपरिरक्खतो दुपक्खे वि। सो होति गणत्थेरो गणथेरगुणेहिं उववेतो // 2652 // चरणकरणे समग्गो जो जत्थ जदा जुगप्पहाणोतु। सो होति संघथेरो सीतघरसमो पुरिससीहो 2653 // एसो तु मूलसंघो आपुच्छण-गमणकरणकजेसु / हितसुहणिस्सेसकडो कुलगणसंघऽप्पणो चेव 2654 दसणणाणचरित्ते जा पुव्वपरूवणाऽऽयरणया य / एसो तु मूलसंघो तिविहा थेरा करणजुत्ता // 2655 // पुव्वं पि परवेजा आयारादीसु वणितचरित्ते / तं सम्ममायरंतो हवति तु संघो तहा थेरो // 2656 // जो सोहीणचरित्तो अण्णस्सऽसतीत पुव्वभणितोतु। कुलथेरादि ठविन्जति तस्सुवदेसो इमो होति // 2657 // होज वसणसंपत्तो सरीरमायंकता असहुओ वा। चरणकरणे असत्तो सुद्धं मग्गं परवेजा // 2658 //
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