Book Title: Panchkappabhasam
Author(s): Labhsagar
Publisher: Agamoddharak Granthmala
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________________ शुद्धि पत्रकम् पृष्ठम् पक्तिः अशुद्धम् शुद्धम् 6 & 20 वायण परिहाणी परिच्छित्तुं चम्मपट्टेति एमे ता सिरिकहि पिंड माईण गहपट्टो तूणयतो तुन्हारूएहि कि (ज) विए वायणय परिहाणि परिच्छित्तू चम्मए पट्टए एमेता सिक्खिहि पिंडमाईणं ग्गहपट्टा ऊण कणयं तम्हा उ किजए : PPP 11 16 तो . 15 2 17 जहति चउस्सुंपि अवहारो यारमादो मूले विराहणा वित्ती जहंत चऊसुंपि अवराहो यारमादी मूलं विराहणे 17.. वत्ती
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