Book Title: Panch Pratikramana Sarth
Author(s): Gokaldas Mangaldas Shah
Publisher: Shah Gokaldas Mangaldas

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Page 6
________________ तथा मुनिश्रीवृद्धिचंदजी महाराजना सदुपदेशथी खंभातनिवासी, शेठ चीमनलाल प्राणजीवनदास तथा शेठ चीमनलाल बालामाइ अमदावाद निवासीनो पण आभार मानवामां आवे छे. . आ ग्रंथनी प्रेस कोपी अने छपातां तेना प्रुफो मननपूर्वक जोइ जवा माटे तथा संपादन कार्य माटे भावनगर निवासी व्याकरणतीर्थवैयाकरणभूषण पंडित अमृतलाल मोहनलाल संघवीने तथा तेमने केटलीक मौलिकसलाह आपवा बदल पूज्य मुनिराज श्री लामचंद्रजी महाराजसाहेब तथा सुशीलभाइ सुमतिचंद मंगळदासे प्रुफ जोवामा मदद करी छे ते बदल अहीं तेओने तथा शा. वाडीलाल लल्लुभाइ वगेरेने धन्यवाद आपवामां आवे छे. आ ग्रन्थमा अन्य जे जे भाइओए मदद आपी छे तेओनो आभार मानवामां आवे छे. ___प्रमादवश के दृष्टिदोषथी या प्रेसदोषथी शास्त्रविरुद्ध कंह पण लखाण थयु होय तेनो त्रिविधे मिच्छामि दुकडं दइए छीए. पार्श्वचंद्र गच्छीय उपाश्रय वीर संवत् २४६८ शामळानी पोळ-अमदावाद । प्रकाशक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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