Book Title: Panch Pratikramana Sarth
Author(s): Gokaldas Mangaldas Shah
Publisher: Shah Gokaldas Mangaldas

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Page 455
________________ श्री परम पू. गुरुदेवोनी-स्तुतिः॥ (स्रग्धरा-वृत्तम् ) श्रीमत्पार्श्वन्दुमरिस्सकलमुनिजनैरय पादारविन्दो भक्तेभ्यस्सत्मबोधं सपदि भवगदच्छेदशक्तिं ददानः / / सोऽयं गच्छाधि नाथो जयति जिनमते भव्य सौभाग्यकीर्ति, स्तं भक्त्या भो पुमांसो नमत नतिगुणश्रेणीपंतत्वधीशम् // 1 // श्रीमद्विद्यावतंसाः शमदमसहिताबाल भावाद्विरक्ता, ज्ञानाभ्यासे प्रवृत्तानिखिलजनमनो हर्षदा स्वैर्गुणौ घैः। मध्यस्था मान्यवाक्या दलितमदबला भ्रातृचन्द्राभिधाना, सारुण्ये तीर्णमोहा निरुपमचरिताः मरिराजा जयन्तु // 2 // - शार्दूलवी क्रिडीतवृत्तम् - भीपाचप्रभुपादपद्ममधुलिड् जातः सदा सेवया, श्री जेनेंद्रमुखाब्जनिस्मृतवचो वीस्तारितं श्रेयसे / संसाराब्धि नियामकं बुधवरं देवैःसु सं पूजितं, तं सूरि सुखदं भजे गुरुवरं चंद्रोत्तरं सागरम् // 3 // (शीखरीणि - वृत्तम् ) सुरनरऋषिसेव्यो सर्वदोषैविमुक्ते भनजलधितरोही साधु भृङ्गः सुयुक्ते तवचरणसरोजे कोटिशो मे प्रणामः हदि वसतु गुणिन् मे श्रीजगच्चंद्र देव 4 // Finelibrary.org INDIA

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