Book Title: Panch Pratikramana Sarth
Author(s): Gokaldas Mangaldas Shah
Publisher: Shah Gokaldas Mangaldas

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Page 4
________________ messassacrescom पु अर्पण पत्रिका महूमपरमपूज्य परमोपकारी गुरुराज आचार्यदेव श्रीश्रीश्री १००८ भ्रातृचंद्रसूरीश्वजी महाराज साहेब तथा भाचार्यश्रीमद सागरचन्द्र सूरीश्वरजी महाराज साहेब. जेओए पोताना चारित्रवडे, जगजीवोना अंतःकरणने सुवासित करीने, पोतानी अमृतमय वाणीथी अमारा जेबा अनेक जीवोने आनंद पमाडी, उत्तम देहथी, परोपकारादि उत्तम कार्य साधी, विद्वत् शिरोमणि सकलशास्त्र पारगामी, समता अने क्षमाना समुद्ररूप थइ, जगतनी अंदर निर्मल यशने अचल स्थापी, प्रातःस्मरणीय आपश्रीजी स्वर्गवासी थया, ते उक्त आपना अनेक गुणोथी आकर्षाइने, आपना अमर आत्माने, आ लघु पुस्तक समर्षण करीए छीए. ली. वृद्धिचंदजी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org|

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