Book Title: Padmasagarsuriji Ek Parichay
Author(s): Vimalsagar
Publisher: Ashtmangal Foundation

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Page 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हृदय के उद्गार जैनाचार्यों की गरिमापूर्ण अर्वाचीन परम्परा में एक यशस्वी नाम है: आचार्य पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज का. व्यवहार - कौशल्य, वाक्पटुता, स्वाभाविक सहजता, निर्भीक अभिव्यक्ति, कर्तव्य .. परायणता, अनुशासनप्रियता, अद्भुत साहसिकता, नेतृत्व -- सक्षमता इत्यादि अनेकानेक सद्गुणों से निखरता आपका जीवन जन-सामान्य के लिए आदर्श और वरदान हैं तो मानवता व साधुता के लिए सुखद संवाद. महान आदर्शों के ठोस धरातल पर निर्मित हुआ आपका प्रतिभासम्पन्न व बहुमुखी व्यक्तित्व प्रारम्भ से ही संघर्षशील रहा है. ध्येय के प्रति अपार निष्ठा और सद्विचारों व सदाचारों के लिए समर्पित आपका जीवन अपने आप में एक उपलब्धि है. अभी-अभी आचार्य श्री अपने संयमी जीवन के ३८ वें वर्ष में मंगल प्रवेश कर रहे हैं. इस अवसर पर आपकी संक्षिप्त जीवनी का प्रकाशित होना आनन्द का विषय है. विशेष खुशी इस बात की है कि इसके आलेखन का सुअवसर मुझे मिला. आभारी हूँ सहृदयी मुनि प्रवर श्री देवेन्द्रसागरजी म.का, जिनकी प्रेरणा इस प्रकाशन की बुनियाद रही है. आशा रखता हूँ कि यह जीवनी लोक-जीवन को आलोकित व सन्मार्गदर्शित करेगी. कार्तिक पूर्णिमा - विमलसागर For Private And Personal Use Only

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