Book Title: Nyayakumudchandra Part 2
Author(s): Mahendramuni
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti

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Page 604
________________ 860 न्यायकुमुदचन्द्रे : सापेक्ष 636.3, 792.11. स्यादस्त्येव जीवः . 688.2. सापेक्षत्व 794. 18.. स्याद्वाद 686.3,4. सु ग ते तर 600.15. स्याद्वाद 646.13, 686.7, 692. 4. सुतुच्छक 628.13. स्याद्वादिन् 653. 13. सुनिश्चितासंभवद्बाधकप्रमाण 74.7 682.7. स्याद्वादेक्षणसप्तक .655.8. सूर्याचन्द्रमसोर्ग्रहण 459. 13; 794. 6. स्वपरविसंवादव्यसनीयेन 632.7. स्कन्ध 783. 7. स्वभावनैरात्म्य स्त्यानप्रसवतदुभयाभावसामान्यलक्षण 794.11. स्वभावभूतान्यापोहस्वार्थप्रतिपादन 687. 1. स्त्यायत्यस्यां गर्भ इति स्त्री . 646. 7. स्वभावहेतु 485. 14. स्थापना स्वभूतिमात्र 372.15. स्पष्ट 682.4. स्वरुचिविरचितदर्शनप्रदर्शनमात्र 628. 11. स्मृति 404.1; 640. 10, 15. स्वार्थसंपत्ति 879. 9. स्यात्कार 691. 22; 692. 1. हानोपादानोपेक्षाप्रतिपत्तफल 489. 6. स्याच्छब्द 688.2. हिताहितप्राप्तिपरिहारसमर्थ 682. 4. स्याज्जीव एवं 688. 1. हेतुवाद 600.12. स्यात्पदप्रयोग - 687. 2. / हेतुवादरूप 879.8. $ 4. अन्याचार्यैः स्वग्रन्थेषु समुद्धृताना लघीयस्त्रयकारिकाणां विवृत्यंशानाञ्च तुलना। 1 वीरसेन लघी० का० 52 पवलाटीका पृ०१७ . 2 रविभद्रशिष्य-अनन्तवीर्य लघी सिद्धिविनिश्चय टीका का०७ पृ० 184 A. का०७ प्रमाणफलयो:... पृ० 99 B. का० 56 पृ० 187 B. का०५७ पृ० 193 A. का० 59 पृ० 10 B. का० 62 पृ० 4 A. आप्तपरीक्षा का० 4 तदस्ति सुनिश्चिता.. पृ० 56 सत्यशासनपरीक्षा का० 37 पृ० 15 B. तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक का०४ तदस्ति सुनिश्चता पृ० 185 का०७ - पृ०४२४ का०१० 10.239 का० 32 पृ० 270 का० 54 इन्द्रियमनसी... पृ० 330 का०७० पु० 271 नयविवरण का० 32 श्लो०६७ 3 विद्यानन्द 4 प्रभाचन्द्र लघी० प्रमेयकमलमार्तण्ड का० 3 तन्नाज्ञानं प्रमाणं.. पु० 25 लघी० का०३ का०३ का०२२ तिमिराद्युपप्लव' प्रमाणपरीक्षा प०६९ अष्टसहस्री पृ० 134 पृ० 277 पत्रपरीक्षा प०५ 5 अनन्तवीर्य लघी० का० 19-20 प्रमेयरत्नमाला 315 का०३

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