Book Title: Nyayakumudchandra Part 2
Author(s): Mahendramuni
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
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________________ 600 न्यायकुमुदचन्द्रे मनु त्रयो वेदाः 726 / 4 | भास्करनन्दिन् 881112,18 त्रिसन्धानादि 73744 722 / 1 दिङनागादि 66 / 18, 19 मन्वादि 352 / 9, 736 / 1,9,13 देवनन्दिन् 88117,8 माणिक्यनन्दिन् 17 धर्मकीर्त्यादि 602 / 5 वातिककार 198413, 31018 न्यायभाष्य 156 / 3 वृद्धनैयायिक 49719, 500 / 14 पदार्थप्रवेशकग्रन्थ 36415 वेदेतिहासपुराण 77012 पद्मनन्दिप्रभु 880114 वैद्यकतन्त्र 275 / 19 परमानन्दनन्दिन् 881410 वैद्यकशास्त्र 669 / 3 पौराणिक 7266 शिक्षाकार मीमांसक 279 / 11 प्रज्ञाकरगुप्त 6199 सूत्र 272 / 20; 273 / 4; 309 / 16:314 / 1; प्रभाकर 42 / 15; 52 / 13; 505 / 12; 587 / 13 316 // 3,7; 31814; 319 / 4; 32111; प्रभाचन्द्र 880 / 16, 18 322 / 12,550 / 19,76013 15 सूत्रकार 31018; 312 / 9,31969; 3234 प्रमेयकमलमार्तण्ड 339 / 6, 3401 33015, 806 / 3,4,8 बृहस्पत्यादि 872 / 10 / सूत्रकारभाष्यकारवात्तिककारादि 76116 724 / 19 663313, 795 / 4 . भारतादि 722 / 11; 729 / 14; 731114; | सौख्यनन्दिन् 88114 732 / 3, 733 / 12 स्मृतिपुराणादि 72610 भाष्य 550 / 19 स्वप्नाध्याय 135 / 14 भाष्यकार 289; 311 / 9; 339 / 14; 340 / 1 / B0019.. प्रभेन्द्र भट्ट सूरि s6. न्यायकुमुदचन्द्रान्तर्गतानां लाक्षणिकशब्दानां सूचिः। 332 329 209 110 333 802 लाक्षणिकशब्दाः अज्ञान अज्ञाननिवृत्ति अणिमा अधिक अधिकरण अधिकरणसिद्धान्त अध्यवसाय अध्यषण अननुभाषण अनुत्पत्तिसम अनुपलब्धिसम 392 333 325 198 313 A. 192 अपार्थक अप्रतिपत्ति अप्रतिभा अप्रतिसंख्या निरोध अप्राप्तकाल अप्राप्तिसम अप्रामाण्य अभ्यनुज्ञा अभ्युपगमसिद्धान्त अमूर्तत्व अर्थान्तर अर्थापत्ति अर्थापतिसम अल्पबहुत्व 588 678 588 313 689 332 326 328 518 505 327 803 अनोपकामका - - AI WW.U NUDE . 8 TOO 10 Nirur m .MMS ain r" .vi अपकपतना अपक्षेपण अपवर्ग अपसिद्धान्त 310 अविशेषसम 5 / अविसंवाद 335 410

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