Book Title: Nayadhammakahao
Author(s): Jinshasan Aradhana Trust
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust
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-XVI.1221 नायाधम्मकहाओ सेट्टिसेणावइसत्यवाहपभिइओ करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु जएणं विजएणं वद्धावेहि २ एवं वयाहि - एवं खलु देवाणुप्पिया ! कंपिल्लपुरे नयरे दुवयस्स रन्नो धूयाए चुलणीए अत्तयाए धट्ठज्जुणकुमारस्स भइणीए दोवईए २ सयंवरे भविस्सइ । तए णं तुब्भे दुवयं रायं अणुगिण्हेमाणा अकालपरिहीणं चेव कंपिल्लपुरे नयरे समोसरह । तए णं से दूए करयल जाव कटु दुवयस्स रन्नो एयमद्वं पडिसुणेइ २ जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २ कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! चाउग्धंट आसरहं जुत्तामेव उवट्ठवेह जाव उवट्ठति । तए णं से दूए हाए जाव सरीरे चाउग्घंटं आसरहं दुरूहइ २ बहूहिं पुरिसेहिं सन्नद्ध जाव गहियाउहपहरणेहिं सद्धिं संपरिवुडे कंपिल्लपुरं नयरं मझमझेणं निग्गच्छइ पंचालजणवयस्स मज्झमझेणं जेणेव देसप्पंते तेणेव उवागच्छइ २ सुरट्ठाजणवयस्स मज्झमज्झेणं जेणेव बारवई नयरी तेणेव उवागच्छइ २ बारवई नयरिं मझमझेणं अणुप्पविसइ २ जेणेव कण्हस्स वासुदेवस्स बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ २ चाउग्घंटं आसरहं ठावेइ २ रहाओ पच्चोरुहइ २ मणुस्सवग्गुरापरिक्खित्ते पायचारविहारेणं जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छइ २ कण्हं वासुदेवं समुहविजयपामोक्खे य दस दसारे जाव बलवगसाहस्सीओ करयल तं चेव जाव समोसरह । तए णं से कण्हे वासुदेवे तस्स दूयस्स अंतिए एयमहँ सोचा निसम्म हतुढे जाव हियए तं दूयं सक्कारेइ सम्माणेइ २ पडिविसज्जेइ । तए णं से कण्हे वासुदेवे कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ २ एवं वयासी - गच्छह गं तुमं देवाणुप्पिया! सभाए सुहम्माए सामुदाइयं भेरिं तालेहि । तए णं से कोडुंबियपुरिसे करयल जाव कण्हस्स वासुदेवस्स एयमह पडिसुणेइ २ जेणेव सभाए सुहम्माए सामुदाइया भेरी तेणेव उवागच्छइ २ सामुदाइयं भेरि महया २ सहेणं तालेइ । तए णं ताए सामुदाइयाए भेरीए तालियाए समाणीए समुद्दविजयपामोक्खा दस दसारा जाव महासेणपामोक्खाओ छप्पन्नं बलवगसाहस्सीओ व्हाया जाव विभूसिया
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