Book Title: Nayadhammakahao
Author(s): Jinshasan Aradhana Trust
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust
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XVI.131
नायाधम्मकहाओ समणीओ निग्गंधीओ इरियासमियाओ जाव बंभचेरधारिणीओ।नो खलु कप्पइ अम्हं सरीरबाउसियाए होत्तए। तुमं च णं अजे ! सरीरबाउसिया अभिक्खणं २ हत्ये धोवेसि जाव चेएसि । तं सुमं णं देवाणुप्पिए ! एयस्स ठाणस्स आलोएहि जाव पडिवबाहि । तए णं सूमालिया गोवालियाणं अजाणं एयमद्वं नो आढाइ नो परियाणाइ अणाढायमाणी अपरियाणमाणी विहरइ । तए णं ताओ अजाको समालियं अब्ध अभिक्खणं २ हीलेंति जाव परिभवंति अभिक्खणं २ एयम निवारेंति। तए णं तीसे सूमालियाए समणीहिं निग्गंधीहिं हीलिजमाणीए जाव वारिजमाणीए इमेयारूबे अज्झथिए जाव समुप्पवित्था - जया णं अहं अगारवासमझे वसामि तया णं अहं अप्पक्सा। जया णं अहं मुंडा भवित्ता पव्वइया तया णं अहं परवसा । पुधि च णं ममं समणीओ आढायंति इयाणिं नो आढायति । तं सेयं खलु मम कलं पाउप्पभायाए गोवालियाणं अंतियाओ पडिनिक्खमित्ता पाडिएकं उवस्सयं उघसंपजित्ताणं विहरित्तए तिकटु एवं संपेहेइ २ कल्लं गोवालियाणं अंतियाओ पविनिक्खमइ २ पाडिएक उवस्सयं उपसंपज्जित्ताणं विहरइ । तए णं सा सूमालिया अज्जा अणोहट्टिया अनिवारिया सच्छंदमई अभिक्खणं २ हत्थे धोबेइ जाव घेएइ तत्य वि यणं पासस्था पासस्थविहारिणी ओसन्ना
ओसन्नविहारी कुसीला कुसलिविहारी संसत्ता संसत्तविहारी बहणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणइ २ अद्धमासियाए संलेहणाए तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकंता कालमासे कालं किच्चा ईसाणे कप्पे अन्नयरंसि विमाणंसि देवगणियत्ताए उववन्ना। तत्थेगइयाणं देवीणं नवपलिओवमाई ठिई पन्नता। तत्थ णं समालियाए देवीए नवपलिओषमाई ठिई पमता। .. (191) तेणं कालेणं २ इहेव जंबुद्दीवे २ भारहे पासे पंचालेसु जणवएमु कंपिल्लपुरे नामं नयरे होत्था वण्णओ । तत्व णं दुवए नामं राया होत्या षण्णओ । तस्स णं चुदणी देवी घट्टजुणे कुमारे जुवराया। तर णं सा सूमानिया देवी ताओ देवलोगायो आडकखएणं बाप महत्ता इहेब जीवे २ भारहे बासे पंचालेसु जणषपसु कंपिलपुरे मयरे

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