Book Title: Nayadhammakahao
Author(s): Jinshasan Aradhana Trust
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust

View full book text
Previous | Next

Page 195
________________ 182 नायाधम्मकहाओ [XVL.16विसयविसुद्धरिभियगंभीरमहुरभाणया सा तेसिं सम्वेसि पत्थिवाणं अम्मापिडक्ससत्समित्यगोचविफविकंतिबहुविहआगममाहप्परूवजोव्वणगुणलावण्णकुलसीळजाणिया किवणं करेइ । पडमं ताव वहिपुंगवाणं दसैदसारवरवीरपुरिसतिलोकबलवगाणं ससुसयसहस्समाणावमहगाणं भवसिद्धिपवरपुंडरीयाणं चिल्लगाणं बलवीरियरूवजोठवणगुणलावण्णकिचिया किचणं करेइ । तो पुर्ण उग्गसेणमाईणं जायवाणं भणइसोहग्गरूवकलिए वरेहि परपुरिसगंधहत्थीणं । जो हु ते लोएँ होइ हिययदइओ ॥ तए णं सा दोवई रायवरकन्नगा बहूणं रायपरसहस्साणं मझमज्झेणं समइच्छमाणी २ पुवकयनियाणेणं घोइज्जमाणी २ जेणेष पंच पंडवा तेणेष उवागच्छइ २ ते पंच पंडवे तेणं दसवण्णेणं कुसुमदामेणं आवेढियपरिवेढिए करेइ २ एवं बयासी - एए णं मए पंच पंडवा वरिया । तए णं ताई वासुदेवपामोक्खाई बहूणि रायसहस्साणि महया २ सरेणं उग्घोसेमाणाई २ एवं वयंति-सुवरियं खलु भो! दोवईए रायवरकन्नाए चिकटु सयंवरमंडवाओ पडिनिक्खमंति २ जेणेव सया २ अवासा वेणेव उवागच्छंति । तए णं घट्टर्जुणकुमारे पंच पंडवे दोवई च रायवरकन्नगं चाउग्धंट आसरहं दुरूहेइ २ कंपिल्लपुरं मझमझेणं जाव सयं भवणं अणुपविसइ । तए णं दुवए राया पंचपंडवे दोवई २ पट्टयं दुरुहेइ २ सेयापयिएहिं कलसेहिं मनावेह २ अग्गिहोमं करीवेइ पंचण्डं पंडवाणं दोषईए य पाणिग्गहर्ण करीवेइ । तए णं से दुवए राया दोवईए २ इमं एयारूवं पीइदाणं दलयइ तंजहा - अह हिरण्णकोडीओ जाव पेसणकारीओ दासचेडीओ अन्नं च विपुलं धणकणग जाव दलयइ । तए णं से दुवए राया ताई वासुदेवपामोक्खाइं विपुलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं वत्थगंध जाव पडिविसज्जेइ । (126) वए णं से पंडू राया वेसि वासुदेवपामोक्खाणं बदणं रायसहस्साणं करयल जाव एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पिया ! हत्थिणाउरे नयरे पंचण्हं पंडवाणं दोवईए य देवीए कल्लाणकरे भविस्सइ । तं तुम्मे णं देवाणुप्पिया! ममं अणुगिण्हमाणा अकालपरिहीणं समोसरह । वए णं

Loading...

Page Navigation
1 ... 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260