Book Title: Narbhavdrushtantopnaymala Author(s): Jinendrasuri Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala View full book textPage 2
________________ . vo860000000000000000 ...त जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक-३२३ 6. महावीर जिनेन्द्राय नमः 0 श्रीमणिबुद्ध्याणंदहर्षकर्पूरामृतसूरिभ्यो नमः / पंडितश्रीनयविमलगणिविरचिता नु वदृष्टांतोपनयमाला .. (प्राकृतबद्धा, भावार्थसहिता) संशोधकः संपादकश्चः प.शा. श्री विजयजिनेन्द्रसूरीश्वरः b . -: सहायक :त (1). पू. आ. श्री विजय जिनेन्द्र सू. म. उपदेशतः श्री पार्श्वभक्ति मू. जैन संघ डोंबीवली पांडुरंगवाडी, (2) पू. मु. श्री पुण्योदय वि. उपदेशतः कल्याण महावीर प्रभुचोक श्री राजस्थान जैन संघः, (3.) पू.सा.श्री कैव यरत्नाश्री उपदेशतः थाणा तपागच्छ जैन संघ चातुर्मास समितिः, (4) सुरत श्री शास्त्रीनगर n खटोदरा कोलोनी श्वे. मू. जैन संघः --: प्रकाशिका :___ श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला लाखाबावल-शांतिपुरी (सौराष्ट्र) Fo000000000000 0000000000000000000000Page Navigation
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