Book Title: Narbhavdrushtantopnaymala
Author(s): Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 12
________________ (१)चूलकदृष्टान्त : - भावार्थ:-मनुष्यजन्मनी दुर्लभता माटे योजाएल दश दृष्टान्तोना नाम 1 चुलक एटले भोजन, 2 पासा, 3 धान्य, 4 जूवटुं, 5 रत्न, 6 स्वप्न, 7 चक्र, 8 काचबो, 9 जोंसरु, 10 परमाणुं // 1 // एएसि पत्तेयं, भणामि उवणयजुया य दिट्ठता / पुवुत्तसूरिपयरण-वणाओ सुमगार कुसुमव्व // 13 // भावार्थ:-ए दश दृष्टान्तोमांना प्रत्येक दृष्टान्तने उपनय साथे एटले दार्शन्तिक मनुष्यजन्म उपर घटाडवा साथे पूर्वाचार्योना प्रकरणरुप बगीचामाथी मालीनी पेठे पुष्पोनी जेम हकिकतो मेलवी हुँ [नय- विमल] जे ते वर्णवीश // 13 // अस्थि इह भरहवासे, दाहिणभरहद्धमज्झखंडंमि / - णिच्चमकंपिल्लं पर-भयाहि कंपिल्लनामपुरं // 14 // __ भावार्थ, आ भरतक्षेत्रना दक्षिणार्द्धभागनी वच्चोवच शत्रुओना भयथी कदापि नहि कंपनार यथार्थ नामर्नु कंपिल नामनुं नगर छे / / 14 / / मइणा सोलेण धणेण, भूरिणा बाढवूहमाहप्पो / सुमिणे वि जत्थ न कुणइ, 'परिवारालोयणं लोओ / / 15 / / . भावार्थ:-जे नगरमा रहेनार लोकसमुदाय पुष्कलबुद्धि, सदाचार अने धनथी प्रतिष्ठा पामेल होवाने लीधे स्वप्नामां पण परिवारनी चिन्ता करतो नथी, 1 परदारा इत्यपि /

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