Book Title: Nagil Charitram Author(s): Shubhshil Gani Publisher: Hiralal Hansraj Pandit View full book textPage 3
________________ नागील चरित्रं // 1 // // श्रीजिनाय नमः // // अथ श्रीनागीलचरित्रं प्रारभ्यते॥ (कर्त्ता-श्रीवर्धमानसूरि) भाषांतरकर्ता तथा छपावी प्रसिद्ध करनार-पण्डित श्रावक हीरालाल हंसराज (जामनगरवाला) +A+KACHARDCOREGI ___ अस्तेयव्रतदीपस्य प्रकाशोल्लासवत्पुनः / मुक्तिवर्त्मनि पान्थानां सतां ब्रह्मव्रतं मतम् // 1 // अर्थः-वळी मोक्षमार्गमां जता सज्जनोने अस्तेयव्रतरूपी दीपकना प्रकाशना उल्लाससरखं ब्रह्मत्रत कहेलं छे // 1 // संतोषः स्वेषु दारेषु त्यागो वा परयोषिताम् / प्रथयन्ति गृहस्थानां चतुर्थ तदणुव्रतम् / / 2 // अर्थ:-पोतानी स्त्रीओथीज संतोष, अने परनी स्त्रीओनो जे त्याग, तेने गृहस्थोनुं चो) अणुव्रत कहे छे // 2 // येऽन्यदारपरीहारव्रततीव्रतयोधुराः। भयान्मोहादयो दोषा न तेषु ददते पदम् // 3 // अर्थ:-जे पुरुषो परवीना त्यागरूप व्रतना बळथी शूरवीर थयेला छे, तेओ प्रत्ये (जाणे) भयथी मोहादिक दोषो पगलं पण भरता नथी // 3 // RAGHARRAINI-SHARECRe!Page Navigation
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