Book Title: Mukmati Mimansa Part 01
Author(s): Prabhakar Machve, Rammurti Tripathi
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 611
________________ परिशिष्ट : द्वितीय आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज : व्यक्तित्व, सृजन एवं शोध-सन्दर्भ (क) व्यक्तित्व परिचायक कृतियाँ mi जैन सन्देश (साप्ताहिक, २० फरवरी, १९७५), सम्पादक-पं. कैलाशचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री, वाराणसी, उत्तरप्रदेश का प्रधान सम्पादकीय आलेख- एक नए नक्षत्र का उदय', प्रकाशक-भारतवर्षीय दिगम्बर जैन संघ, संघ भवन, चौरासी, मथुरा-२८१ ००४, उत्तरप्रदेश, फोन-(०५६५)२४२०७११ । समाचार पत्रक (मासिक, आचार्य विद्यासागर विशेषांक, ३०-९-१९७८), सम्पादक- प्यारेलाल जैन, श्रवण कुमार जैन आदि, सौजन्य सम्पादक -कल्याणमल झाँझरी, श्री दिगम्बर जैन युवक समिति-कोलकाता, पी-४, कलाकार स्ट्रीट, कोलकाता-७०० ००७, पश्चिम बंगाल, पृष्ठ-३०+६०+४०। तीर्थंकर (मासिक, दिसम्बर, १९७८-आचार्य विद्यासागर विशेषांक), सम्पादक-डॉ. नेमीचन्द जैन, ६५-पत्रकार कॉलोनी, कनाड़िया मार्ग, इन्दौर-४५२ ०१८, मध्यप्रदेश, मो.- ९३००६-०१८४६ । विद्यासागर (मासिक- 'पूज्य आचार्य विद्यासागर दीक्षा विशेषांक', जून-८०, एवं 'विद्यासागर कृतित्व विशेषांक', जून-जुलाई, १९९२)- प्रधानसम्पादक-निर्मल आज़ाद, द्वारा-आशीष जैन, व्ही. एन. इण्टर- प्राइजेज, ४८५-हनुमानताल, जबलपुर-४८२ ००२, मध्यप्रदेश, फोन-(०७६१)२६५०९४८, ५०१३९४८, मो. ९४२५१-५२३१८ । मुक्ति पथ का राही (आचार्य श्री विद्यासागरजी के जीवन वृत्तान्त पर आधारित नाटक), लेखिका-डॉ. विमला जैन चौधरी, विजय हार्डवेयर, लार्डगंज, जबलपुर, मध्यप्रदेश, प्रकाशक-जैन पुस्तक सदन,१६१/ १, महात्मा गाँधी मार्ग, कोलकाता-७०० ००७, पश्चिम बंगाल, प्रथम आवृत्ति-१९८१, पृष्ठ-८+३६। सागर में विद्यासागर (सागर में प्रथम षट्खण्डागम वाचना शिविर १९८० के प्रसंग पर) सम्पादक-डॉ. पन्नालाल साहित्याचार्य, प्रकाशक-प्रबन्धकारिणी कमेटी, गणेश दिगम्बर जैन संस्कृत महाविद्यालय, मोराजी, सागर, मध्यप्रदेश, प्रथम आवृत्ति-१९८१, पृष्ठ-१२+१४६ । विद्यासागराष्टकम्, (ईसरी, झारखण्ड-३ अप्रैल, १९८३), रचयिता-डॉ. पन्नालाल साहित्याचार्य, पूर्व निदेशक-श्री वर्णी दिगम्बर जैन गुरुकुल, पिसनहारी मढ़िया, जबलपुर-४८२ ००३, मध्यप्रदेश, फोन - (०७६१)२३७०९९१ । विद्यांजलि - मुनि श्री गुप्तिसागरजी महाराज, प्रकाशक -श्री दिगम्बर जैन क्षेत्र कुण्डलपुर, दमोह, मध्यप्रदेश, प्रथम आवृत्ति-१९८८, पृष्ठ-४०। श्री १०८ ज्ञानसागराचार्यस्य समाधिसाधकः श्री १०८ आचार्य: विद्यासागरः, रचयिता-पं. जगन्मोहन लाल शास्त्री, कटनी, मध्यप्रदेश, 'कुन्दकुन्द वाणी', मासिक-मई-१९९०, सम्पादक - ६८३, भालदारपुरा, जबलपुर-४८२ ००२, मध्यप्रदेश। विद्या-स्तुति (विद्यासागर चालीसा, आचार्यश्री द्वारा दीक्षित शिष्यों के नाम से आचार्य श्री विद्यासागर जी का गुणानुवाद), रचयिता-मुनि श्री उत्तमसागरजी महाराज, प्रकाशक-सकल दिगम्बर जैन समाज, बरेला, प्राप्तिस्थान-मुनीश जैन, अध्यक्ष-सन्मति युवा मण्डल, बाजार मोहल्ला, बरेला, जबलपुर, मध्यप्रदेश, प्रथमआवृत्ति-१९९०, पृष्ठ-२४ । १०.

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