Book Title: Mukmati Mimansa Part 01
Author(s): Prabhakar Machve, Rammurti Tripathi
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 612
________________ ११. 524 :: मूकमाटी-मीमांसा दिव्यध्वनि (त्रिभाषिक मासिक--आचार्य विद्यासागर विशेषांक, जुलाई-अगस्त, १९९१), प्रकाशकश्रीमद् राजचन्द्र आध्यात्मिक साधना केन्द्र, श्री सत्श्रुत सेवा साधना केन्द्र, कोबा-३८२ ००९, गांधीनगर, गुजरात, फोन-(०७९)२३२७६२१९, २४८३१४८४, पृष्ठ-१२० । विद्या-शतक (आचार्य श्री विद्यासागरजी का काव्यमय जीवन परिचय), रचयिता-प्रो. शीलचन्द जैन, छिन्दवाड़ा, प्रकाशक-श्री दिगम्बर जैन गोलापूर्व समाज, छिन्दवाड़ा, मध्यप्रदेश, प्रथम आवृत्ति-१९९२, पृष्ठ-४+१४१ गुरु गरिमा शतक (आचार्य श्री विद्यासागर शतक), रचयिता-मुनि श्री समतासागरजी महाराज, प्रकाशकराजेन्द्रकुमार जैन, मेसर्स-दशरथलाल राजेन्द्रकुमार जैन, सतना, मध्यप्रदेश, प्रथमावृत्ति-१९९२, पृष्ठ-३२ । विनय-पंचकम् (आचार्य विद्यासागर स्तवन, ३ जनवरी, १९९३) रचयिता-डॉ. पन्नालाल साहित्याचार्य। विद्या-वन्दना (आचार्य श्री ज्ञानसागरजी एवं आचार्य श्री विद्यासागरजी पर लिखित अनेक पूजन, आरती, भजनरूप भक्तिप्रसून संकलन), प्रकाशक-विद्या साहित्य प्रकाशन समिति, विदिशा, मध्यप्रदेश, प्राप्तिस्थानडॉ. वीरेन्द्र जैन, १०-सुभाष पथ, विदिशा, मध्यप्रदेश, प्रथमावृत्ति-१९९३, पृष्ठ-८+१७६, मूल्य- २० रुपए। शब्द सुमन माला (आचार्य विद्यासागर शतक), रचयिता-श्रीधर शर्मा, लखनादौन, सिवनी, मध्यप्रदेश, प्रकाशक-प्रो. सुरेश चन्द जैन, वाणिज्य विभाग, शासकीय महाविद्यालय,देवरी, सागर, मध्यप्रदेश, प्रथमआवृत्ति-१९९३, पृष्ठ - ४८ । विद्याष्टक (गुरु वन्दना)- ('चतुष्टय अष्टक मंजरी' के अन्तर्गत संग्रहीत), मुनि श्री स्वभावसागरजी महाराज,), प्रकाशक-त्रिलोकचन्द्र महेन्द्रकुमार गदिया, नया बाजार, अजमेर, राजस्थान, प्रथमावृत्ति१९९३, पृष्ठ-८ । अमूर्त शिल्पी : आचार्य श्री विद्यासागर (व्यक्तित्व और विचार) - मुनि श्री क्षमासागरजी महाराज, प्रकाशक- गुना, मध्यप्रदेश के जैन युवाओं की विनम्र प्रस्तुति, प्रथम संस्करण-१९९४, पृष्ठ-१६ । विद्याष्टकम् (स्वोपज्ञ संस्कृत व हिन्दी टीका एवं चित्र बन्ध, शब्दकोश आदि सहित), रचयिता-मुनि श्री नियमसागरजी महाराज, सम्पादक - डॉ. प्रभाकर नारायण कवठेकर, पूर्व कुलपति - विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, प्रकाशक-प्रदीप जैन, प्रदीप कटपीस, अशोकनगर, मध्यप्रदेश, प्रथम आवृत्ति-१९९४, पृष्ठ -३७+२००, मूल्य-१०० रुप ए । २०. कुन्दकुन्द वाणी (मासिक, आचार्य विद्यासागर दीक्षा स्मृति दिवस विशेषांक, जून-जुलाई, १९९४) सम्पादक-कमलकुमार जैन बाकलीवाल, श्री कुन्दकुन्द प्रकाशन, जैन बाड़ा, दौलतगंज, ग्वालियर, मध्यप्रदेश, फोन-(०७५१)२३२५०२६ । ज्योतिर्मय निर्ग्रन्थ (आचार्य श्री विद्यासागरजी के व्यक्तित्व पर उपन्यासात्मक प्रस्तुति), लेखक एवं प्रकाशकमिश्रीलाल जैन एडव्होकेट, विद्यानिधि प्रकाशन, पुराना पोस्ट ऑफिस मार्ग, बताशा गली, गुना-४७३ ००१, मध्यप्रदेश, फोन-(०७५४२)२५५९०६, प्रथम आवृत्ति-१९९४, पृष्ठ-१११, मूल्य-३० रुपए । युगपुरुष आचार्य श्री विद्यासागर (व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व परिचय), लेखक-प्रो. शीलचन्द जैन, हिन्दी विभाग, डेनियलसन कॉलेज, छिन्दवाड़ा, प्रकाशक-श्रीमती कुसुम जैन, झण्डा चबूतरा के सामने, मु.पो.-घुवारा ४७१ ३१३, टीकमगढ़, मध्यप्रदेश, प्रथम आवृत्ति-१९९४, पृष्ठ-१२ । २३. श्रमण परम्परा के आदर्श सन्त : जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज (हिन्दी एवं गुजराती), लेखक १९.

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