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मूकमाटी-मीमांसा :: 529 दैनिक नागपुर-२४ जून १९९३, ‘सन्देश' गुजराती दैनिक-सूरत-२९ जुलाई १९९६, 'लोकमत समाचार', दैनिक नागपुर-२६ जून १९९३, देशबन्धु'-रायपुर-१४ जनवरी १९८४, नवीन दुनिया -दैनिक जबलपुर
नवम्बर १९८८ को प्रकाशित विशिष्ट परिशिष्ट । १२. महामनीषी आचार्य श्री विद्यासागर : जीवन एवं साहित्यिक अवदान (डी.लिट्. के लिए लिखित शोध
प्रबन्ध), लेखक-डॉ. विमलकुमार जैन, दिल्ली, प्रकाशक-निर्मल कुमार जैन एवं राजेन्द्र कुमार जैन, ज्ञानोदय संस्थान, ८/११२७, जैन बाग, वीर नगर, सहारनपुर-२४७ ००१, उत्तरप्रदेश, फोन - (०१३२) २७४२१८६, २७४६८१५, २६५८८४८, २७२४४२३, प्रथम आवृत्ति-१९९६, पृष्ठ-२०+६७६, मूल्य-१०० रुपए। संस्कृत काव्य के विकास में बीसवीं शताब्दी के जैन मनीषियों का योगदान (डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, म.प्र. से पीएच. डी. हेतु १९९२ में स्वीकृत शोध प्रबन्ध), लेखक-डॉ. नरेन्द्र सिंह राजपूत, प्रकाशक-आचार्य ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर, अजमेर, राजस्थान एवं भगवान् ऋषभदेव ग्रन्थमाला, श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघीजी, सांगानेर-३०३९०२, जयपुर, राजस्थान, फोन
(०१४१)२७३१९५२, प्रथम संस्करण-१९९६, पृष्ठ-१६+३०४, मूल्य-५० रुपए। १४. आचार्य विद्यासागर : व्यक्तित्व एवं काव्य कला (मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान
से १९९६ में पीएच. डी. हेतु स्वीकृत शोध प्रबन्ध), लेखिका- डॉ. (श्रीमती) माया जैन, सम्पादक-डॉ. रमेशचन्द्र जैन, प्रकाशक-आचार्य ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर, अजमेर, राजस्थान तथा श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघीजी, सांगानेर-३०३ ९०२, जयपुर, राजस्थान, फोन - (०१४१)२७३०३९०,
प्रथम संस्करण-१९९७, पृष्ठ-५२+३३२, मूल्य-५० रुपए। १५. परछाइयाँ-पथ प्रदर्शक की (आचार्य विद्यासागर जी के प्रति विशिष्टजनों की भावाभिव्यक्ति एवं आचार्यश्री
के चित्रों की प्रस्तुति), संकलक-ऐलक श्री सम्यक्त्वसागरजी महाराज, प्रकाशक-दिगम्बर जैन युवक संघ, इन्दौर, मध्यप्रदेश, प्रथम आवृत्ति-१९९७ । महाकवि आचार्य विद्यासागरजी की साहित्याराधना एवं शोध सन्दर्शिका (महाकवि आचार्य विद्यासागर वाङ्मय शोध योजना), लेखक - मुनि श्री सुधासागरजी महाराज, प्रकाशक - आचार्य ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, सरस्वती भवन, सेठजी के नसियाँ, ब्यावर - ३०५ ९०१, अजमेर, राजस्थान, तृतीयावृत्ति - १९९७, पृष्ठ - ४+५०, मूल्य - १५ रुपए। हिन्दी साहित्य की सन्त काव्य-परम्परा के परिप्रेक्ष्य में आचार्य विद्यासागर के कृतित्व का अनुशीलन (अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से १९९३ में पीएच. डी. हेतु स्वीकृत शोध प्रबन्ध), लेखक-डॉ. बारेलाल जैन, प्रकाशक-कल्याणमल झाँझरी, श्री निर्ग्रन्थ साहित्य प्रकाशन समिति, पी-४, कलाकार स्ट्रीट, कोलकाता- ७०० ००७, पश्चिम बंगाल, फोन-(०३३)२२७४८८७९, २२७४६०४९, प्रथम आवृत्ति-१९९८, पृष्ठ-२२+२५४, मूल्य-४५ रुपए। सदलगा के सन्त (आचार्य विद्यासागरजी की दिव्य जीवन-यात्रा का ७६७ पद्यों में १९९७ तक का काव्यमय वर्णन), रचयिता-कवि लालचन्द्र जैन राकेश', प्रकाशक-श्री दिगम्बर जैन मुनिसंघ चातुर्मास सेवा समिति, भगवान् महावीर विहार, गंजबासौदा-४६४ २२१, विदिशा, मध्यप्रदेश, प्रथम संस्करण- १९९८, पृष्ठ
३२+२०४+पारिभाषिक शब्दावली - ३४, मूल्य-५० रुपए। १९. विद्यासागर की चेतन कृति (आचार्य विद्यासागरजी द्वारा दीक्षित शिष्यों का सचित्र परिचय), प्रकाशक -
सिंघई जयकुमार जैन, सिंघई प्रिन्टर्स, सदर बाजार, मण्डला, मध्यप्रदेश, प्राप्तिस्थान-श्री पद्मावती ऑफसेट