Book Title: Mukmati Mimansa Part 01
Author(s): Prabhakar Machve, Rammurti Tripathi
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 626
________________ 538 :: मूकमाटी-मीमांसा 2002,Page-78+374, Price-120/-. ५९. महाकवि आचार्य विद्यासागर ग्रन्थावली से सर्वोदय आदि पंच शतकावली एवं आचार्य स्तुति सरोज संग्रह (आचार्य श्री विद्यासागरजी कृत सर्वोदय शतक, पूर्णोदय शतक, सूर्योदय शतक, मुक्तक शतक, दोहादोहन शतक एवं स्तुति-सरोज का संचयन), प्रकाशन सम्प्रेरक-आर्यिका श्री मृदुमतीजी ससंघ, संकलन-सम्पादन-अनिल जैन, विद्योदय प्रकाशन, विजय प्रेस, ललितपुर-२८४ ००३, उत्तरप्रदेश, फोन(०५१७६) २७३९४५, प्रथमावृत्ति-२००३, पृष्ठ-२०+९२, मूल्य-२० रुपए। भक्ति पाठावली (आचार्य पूज्यपाद स्वामी द्वारा रचित भक्तियों का महाकवि आचार्य विद्यासागर कृत हिन्दी पद्यानुवाद)- प्रकाशन सम्प्रेरक- आर्यिका श्री मृदुमतीजी ससंघ, संकलन-सम्पादन-अनिल जैन, विद्योदय प्रकाशन, विजय प्रेस, ललितपुर-२८४००३, उत्तरप्रदेश, फोन-(०५१७६) २७३९४५, प्रथमावृत्ति-२००३, पृष्ठ-२०+४४, मूल्य-१५रुपए। महाकवि आचार्य विद्यासागर ग्रन्थावली से जिन स्तुति आदि सप्त शतकावली (जिनस्तुतिशतक, निरंजनशतक, भावनाशतक, श्रमणशतक, परीषहजयशतक, निजानुभवशतक एवं सुनीतिशतक), प्रकाशन सम्प्रेरक-आर्यिका श्री मृदुमतीजी ससंघ, संकलन-सम्पादन-अनिल जैन, विद्योदय प्रकाशन, विजय प्रेस, ललितपुर-२८४ ००३, उत्तरप्रदेश, फोन-(०५१७६) २७३९४५, प्रथमावृत्ति-२००३, पृष्ठ-२०+१५६, मूल्य-२५ रुपए। भक्ति पाठ (आचार्य श्री पूज्यपाद स्वामी कृत ९ संस्कृत भक्तियों का आचार्य श्री विद्यासागरजी कृत पद्यानुवाद), प्रकाशक-श्रीमती पुष्पादेवी ओमप्रकाश जैन, सालू ग्रुप, अश्वमेघ अपार्टमेन्ट्स, पारले प्वाइन्ट, अठवा लाइन्स, सूरत, गुजरात, फोन-(०२६१) २२२६०९८, २२२६८५७, मो. ९८७९२-२१०००, पंचम संस्करण-आचार्य कुन्दकुन्द दीक्षा द्विसहस्राब्दि वर्ष सन्दभ, २००४, पृष्ठ-७४ । ६३. गुरु भक्ति (आचार्य विद्यासागरजी द्वारा सृजित रचनाओं में से चयनित पद्यों का संकलन), प्रकाशन सम्प्रेरक मुनि श्री प्रशान्तसागरजी महाराज ससंघ, प्रकाशक-सकल दिगम्बर जैन समाज, गुना, मध्यप्रदेश, प्राप्तिस्थानपवन कुमार कठरया-अध्यक्ष-जैन समाज गुना, विद्यासागर नगर, चौधरी कॉलोनी, गुना-४७३००१, मध्यप्रदेश, फोन-(०७५४२)२२४९३६(नि.), ५०११९(दु.), प्रथम आवृत्ति-२००४, पृष्ठ४+८४ । Pravachan-Parv (Preaching Paradise - English translation of Pravachan Parv- Preachings on Ten Dharmas) - Aacharya Vidyaasaagar, English Translation by - S. L. Jain, Flat-7/3, Nupur Kunj, E-3/185, Arera Colony, Bhopal - 462016 (M.P.),Ph. (0755)4293654, Mob. 94250-06804, Published by - Maitree Samooh, First Edition - April 2006, Page - 10+144, Price-40/65. Preaching Salvation (English translation of Pravachan Paarijaata - Preaching of Seven Tattavas)- Aacharya Vidyaasaagar, English Translation by - S. L. Jain, Flat - 7/3, Nupur Kunj, E-3/185, Arera Colony, Bhopal - 462016 (M.P.), Ph. (0755)4293654,Mob. 9425006804, Published by- Maitree Samooh, First Edition- March 2007, Page- 16+108, Price50/प्रवचनामृत (फिरोजाबाद, उत्तरप्रदेश, १९७५ के प्रवचन संग्रह, भाग-२), प्रकाशक-मुनिसंघ साहित्य प्रकाशन समिति, प्राप्तिस्थान-सन्तोषकुमार जयकुमार जैन बैटरी वाले, कटरा बाजार, सागर-४७० ००२, मध्यप्रदेश, पृष्ठ-८+४४, मूल्य-४ रुपए। 64.

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