Book Title: Mokshmarg Ek Adhyayan
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Rajesh Jain

View full book text
Previous | Next

Page 25
________________ नामक अनर्थदण्ड हैं। भोगोपभोगः- जो वस्तु एक बार भोग कर छोड दी जाती है वह भोग कहलाती है जैसेः- भोजन और जो पुनः भोगने में आती है वह उपभोग है जैसेः- वस्त्र, आभूषण आदि। प्रतिज्ञा पूर्वक त्याग को ही व्रत माना है। भोजन, वाहन, शय्या, स्नान, पवित्र अंग मे सुगंधित गंध माला, तम्बाखू, पान, वस्त्र, आभूषण, काम भोग, ||संगीत श्रवण, गीत नाटक आदि ये सभी भोगोपभोग सामग्री है। जैसे भी हो सके इन विषयों में लालसा को धटाना भोगोपभोग परिमाण व्रत कहलाता हैं। इसके दो भेद होते हैं। नियम यम नियम:- वस्तु का कुछ काल के लिए त्याग करना नियम है। यम:- वस्तु का जीवन भर के लिए त्याग कर देना यम कहलाता है। शिक्षाव्रत:- जो मुनि व्रत की शिक्षा देते हैं वे शिक्षाव्रत हैं इनमें चार भेद होते हैं। देशावकाशिक, सामायिक, प्रोषधोपवास और वैयावृत्य। | देशावकाशिक, सामायिक | प्रोषधोपवास | वैयावृत्य । | देशावकाशिक शिक्षाव्रत:- दिग्व्रत में जो दशों दिशाओं की लम्बी-चौडी मर्यादा की थी उसके अन्दर प्रतिदिन भी कुछ काल की अवधि पूर्वक नियम करते रहना देशावकाशिक व्रत है। इसकी मर्यादा के बाहर स्थूल तथा सूक्ष्म ऐसे पाँचों ही पापों का त्याग हो जाता हैं। सामायिक शिक्षाव्रत:- आकुलता उत्पादकता रहित शुद्ध एकांत स्थान में समय निश्चित करके पाँचों ही पापों का मन वचन और काय से त्याग कर देने से उसी काल मे श्रावक को सामायिक शिक्षाव्रत होता हैं। उपवास के दिन अथवा एकाशन के दिन सामायिक अवश्य करना चाहिये। प्रतिदिन भी जो श्रावक एकाग्रचित होकर इस व्रत का पालन करते हैं वे अपनी आत्मा को पहचान लेते हैं।श्रावक को दो वस्त्र मात्र रखकर शेष आरम्भ परिग्रह छोडकर सामायिक करना चाहिये।सामायिक करते समय शीत,उष्ण, डांस, मच्छर आदि की परीषह भी सहन करना चाहिये। यदि देव, मनुष्य या तिर्यंच कृत उपर्सग आ जावे तो उसे भी सहन करना चाहिये। सामायिक के समय आत्मा का ध्यान करते हुऐ मोक्ष की कामना करना चाहिये। प्रोषध उपवास और प्रोषधोपवास:- प्रत्येक मास की दोनों अष्टमी और दोनों चतुर्दशी को अपनी इच्छा अनुसार चारों प्रकार के आहार का त्याग करना प्रोषधोपवास नामक शिक्षाव्रत हैं। तेरस को एकाशन करके चौदस का उपवास, पुनः पूनो को एकाशन करना प्रोषधोपवास है, ऐसे ही अष्टमी के लिए समझना। एक

Loading...

Page Navigation
1 ... 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39