Book Title: Mata Pita Aur Bachho Ka Vyvahaar
Author(s): Dada Bhagwan
Publisher: Mahavideh Foundation

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Page 43
________________ माता-पिता और बच्चों का व्यवहार प्रश्नकर्ता : नहीं। दादाश्री : ऐसा क्यों? अब तूने जिस जंतु को मारा, वैसा एक तू मुझे बना कर देगा? लाख रुपये इनाम दूंगा। यदि कोई एक जीव बनाकर देगा, तो उसे लाख रुपये इनाम दूँगा। तू बना देगा? नहीं बनेगा? प्रश्नकर्ता : नहीं। दादाश्री : तब फिर हम कैसे मार सकते हैं? क्या इस दुनिया में कोई एक भी जीव बना सकता है? ये साइन्टिस्ट लोग बना सकते हैं? माता-पिता और बच्चों का व्यवहार प्रश्नकर्ता : लगता है। दादाश्री : हाँ, तब ऐसा उसे भी लगता है। बिना हक्क का गड्डा तो बहुत गहरा! फिर से ऊपर आ ही नहीं सकते। इसलिए चौकन्ना रहकर चलना अच्छा। इसलिए तू संभल जाना। अभी तो जवानी है, जिसे बुढ़ापा आनेवाला हो, उन्हें हम कुछ नहीं कहते। यह भय सिग्नल तुझे दिखाते हैं। प्रश्नकर्ता : हाँ, हाँ, नहीं ले जाऊँगा, दूसरे की बीबी नहीं ले जाऊँगा। प्रश्नकर्ता : नहीं। दादाश्री : हाँ, ठीक है। ले जाने का विचार भी मत करना। किसी स्त्री के प्रति आकर्षण हो तो भी 'हे दादा भगवान! मुझे क्षमा करो' कहना। दादाश्री : तो फिर जो बना सकते नहीं, उसे हम नहीं मार सकते। यह कुर्सी बनाते हैं, ये सब चीजें बनाते हैं, उसका नाश कर सकते हैं। तेरी समझ में आया? प्रश्नकर्ता : हाँ। दादाश्री : अब क्या करेगा? प्रश्नकर्ता : किसी को नहीं मारूँगा। दादाश्री : उस जंतु को मरने का डर लगता है? हम मारने जाएँ तो भागता है? प्रश्नकर्ता : हाँ। दादाश्री : तो फिर कैसे मार सकते हो? और इस गेहूँ, बाजरा को भय नहीं लगता, उसे हर्ज नहीं, क्या? गेहूँ, बाजरा, लौकी ये सब भागते हैं क्या? हम चाकू लेकर जाएँ तो लौकी भाग जाती है? प्रश्नकर्ता : नहीं। दादाश्री : तब उसकी सब्जी बनाकर खा सकते हैं। तुझे मरने का डर लगता है कि नहीं? बच्चों के लिए माता-पिता को क्या करना चाहिए? बच्चे बाहर कहीं मान खोजे नहीं ऐसा रखना। वे मान के भूखे नहीं हों और बाहर मान की होटलों में मान खाने नहीं जाएँ। इसके लिए क्या करना? घर आयें तो ऐसे बुलाना, 'बेटा, तू तो बड़ा सयाना है, ऐसा है, वैसा है,' उसे थोड़ा सम्मान देना अर्थात् उसके साथ फ्रेन्डशिप (मित्रता) जैसा भाव रखना चाहिए। उसके साथ बैठकर उसके सिर पर हाथ फिरा और कहना, 'बेटे, चलो हम भोजन कर लें, हम साथ में नाश्ता करें' ऐसा होना चाहिए। तब वह बाहर प्रेम नहीं खोजेगा। हम तो पाँच साल का बच्चा हो, उसके साथ भी प्रेम रखते हैं। उसके साथ फ्रेन्डशिप रखते हैं। प्रश्नकर्ता : पापा या मम्मी मेरे पर गुस्सा करें तब क्या करूँ? दादाश्री : 'जय सच्चिदानंद, जय सच्चिदानंद' बोलना। ऐसा बोलोगे न, तो वह शान्त हो जाएगी। ___पापा, मम्मी के साथ झगड़ा करने लगें, तब बच्चे सभी 'सच्चिदानंद, सच्चिदानंद' कहें तो इससे सब बंद हो जाए। दोनों शर्मा जाएंगे बेचारे! भय का अलार्म खींचे तो तुरन्त बंद हो जाते हैं।

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