Book Title: Mata Pita Aur Bachho Ka Vyvahaar
Author(s): Dada Bhagwan
Publisher: Mahavideh Foundation

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Page 1
________________ दादा भगवान प्ररूपित माता-पिता और बच्चों का व्यवहार डाँट कर नहीं, प्रेम से सुधारो माँ-बाप बच्चों को सुधारने के लिए सब फ्रेक्चर कर डालते हैं। हमें बच्चों के लिए भाव करते रहना है कि बच्चों को सद्बुद्धि प्राप्त हो। ऐसा करते करते असर हए बिना नहीं रहता। वे तो धीमे-धीमे समझेंगे।तुम भावना करते रहो। उन पर जबरदस्ती करोगे तो वे उलटे चलेंगे।और बच्चों को कभी मारना मत।कोई भूलचूक हो तो धीरे से सिर पर हाथ फेर कर उन्हें समझाना ज़रूर। प्रेम दें तो बच्चा समझदार होता है, तरंत समझ जाता है। तात्पर्य यह कि यह संसार जैसे-तैसे निभालेने जैसा है। - दादाश्री ISEANPTER-WIL.160 ONSTISआहे.

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