Book Title: Mantung Bharti Author(s): Dhyansagar Publisher: Sunil Jain View full book textPage 2
________________ fyrs मानतुंग - भारती भक्तामर स्तोत्र मूल : पूज्य श्री मानतुंगाचार्य विरचित *** Do भयहर संथवो मूल : आचार्य श्री मानतुङ्ग स्वामि विरचित *** हिन्दी पद्यानुवाद, अन्वयार्थ एवं अन्तर्ध्वनि आचार्य श्री विद्यासागर जी मुनिराज के परम शिष्य पूज्य श्री १०५ क्षु. ध्यानसागरजीPage Navigation
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