Book Title: Mananiya Lekho ka Sankalan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 43
________________ आध्यात्मिक विकास में सहायक होना चाहते हैं - इसके अलावा उनका कोई उद्देश्य नहीं है। इसके बाद ही वे भारत में धर्मगुरु के रुप में प्रवेश कर सकते हैं। और उपरोक्त शर्तों के आधीन यदि वेटिकन के प्रमुख धर्मगुरु के रुप में पोप भारत आना चाहें तो भारत का धर्मगुरु वर्ग उन्हें यहाँ आने का निमंत्रण दे सकता है, भारत की राज्य सत्ता एसा निमंत्रण या एसी अनुज्ञा नहीं दे सकती। सेक्यूलर कहलाने वाली भारत की राज्य सत्ता अन्य प्रदेशों के धर्मगुरु को कैसे निमंत्रण दे सकती है ? उनका स्वागत भी कैसे कर सकती है ? __वेटिकन के प्रभाव में पूर्णतया गुलाम अंग्रेजी प्रेस पोप आगमन के समय हिन्दू संगठनों के विरोध को जिस नकारात्मक ढंग से रिपोर्ट कर रही है उसे चुप कराने के लिये उपरोक्त दलीलों के साथ हिन्दू संगठनों का प्रत्युतर प्रेस में आना चाहिये। विश्वभर में वेटिकन चर्च की सत्ता स्थापित करने निकले ___गोरों के काले कुकर्मों की कहानी भारत में या एशिया - अफ्रिका के किसी भी प्रदेश में किसी ख्रिस्ती साध्वी के साथ में होने वाले दुर्व्यवहार का या किसी ख्रिस्ती धर्मप्रचारक के प्राण लेने की इक्का-दुक्का घटना घटे तो पश्चिम के प्रचार माध्यम तथा पश्चिम के राजनितिज्ञ और उनकी संस्थाएं विश्वभर में हाहाकार मचा देते हैं। ___ परंतु जब जगत में एक ही धर्म और एक ही प्रजा का अस्तित्व टिकाने के लिये वेटिकन चर्च दारा शुरू किये गये कार्यक्रम के अंतर्गत एशिया, अफ्रिका आदि के प्रदेशों की कितनी ही जातियों के सामूहिक नाश के 'लिये ई. स. १४९२ से शुरू किये गये कार्यक्रम आज भी अमल में हैं, तब पश्चिम के ये प्रचार माध्यम और पश्चिम के राजद्वारी पुरुष मौन रखते हैं और ऐसे घातकी अत्याचारों को छुपाने का प्रयास करते हैं। . पश्चिम के राजद्वारी पुरुषों के गर्भित इशारों और आदेशों के अनुसार ती वर्ल्ड बैंक और आई. एम. एफ. जैसी आर्थिक संस्थाओं ने अश्वेत प्रजा के देशों में कैसा हाहाकार मचाया है उसका पर्दाफाश वर्ल्ड बैंक के ही एक गोरे अफसर ने किया है। डेवीसन बुद्ध नाम के इस वर्ल्ड बैंक के अफसर ने अपने त्यागपत्र में लिखा है कि __ "आज मैंने अंतरराष्ट्रीय वित्त कोष के स्टाफ के पद से १-२ साल की सेवा के बाद त्यागपत्र दिया है। उसमें से १००० दिन कोष के औपचारिक कार्य के लिये फील्ड में भी काम किया है। लेटिन अमेरिका, केरेबियन और अफ्रिका के देशों को तथा लोगों को तुम्हारे बताये हुये उपाय और तुम्हारे बताये हये हथकंडे बेचे हैं। मेरे लिये यह त्यागपत्र एक अमूल्य मुक्ति है, क्योंकि इस त्यागपत्र के साथ मैंने उस नयी दिशा में कदम बढ़ाया है, जहाँ मैं करोडों गरीब और भूखे लोगों के खून से भरे मेरे हाथ धोने की आशा रखता हुं। मि. केमडेसस, यह खून इतना सारा है, और आप भी यह जानते हो, कि इस खून की नदियाँ बह सकती हैं। यह खून सूख गया है, इसकी परत मेरे पूरे अस्तित्व पर जम गयी है। कितनी ही बार मुझे लगता है कि पूरे विश्व में जितना भी साबुन है वह भी मेरे पापों को धोने के लिये कम है। वे पाप, जो मैंने आपके नाम से किये हैं, आपके पहले के अधिकारियों के नाम से किये हैं, आपकी सील-महोर लगा कर किये हैं।'' . . पूरे विश्व पर अपनी सत्ता स्थापित करने के ध्येय से ई. स. १४९३ में वेटिकन द्वारा घोषित किये हुये 'बुल' (आदेश) के आधार पर कोलंबस के नेतृत्व में अमेरिका पहुँचे गोरों ने वहां की स्थानिक प्रजा - रेड इन्डियन- के ऊपर कैसे कैसे घातक जुल्म किये हैं, इसका विस्तृत वर्णन डेवीड स्टेनार्ड नामक लेखक ने उनकी पुस्तक "अमेरिकन हॉलोकास्ट' में किया है। इस जुल्मों के वर्णन पढ़ते रोयें काँप उठते हैं। क्रूरता भरा व्यवहार (41) For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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