Book Title: Mahajan Vansh Muktavali
Author(s): Ramlal Gani
Publisher: Amar Balchandra
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मारवाड़के भोजक शाक्त निर्णय गोत्र १६ ॥
क्षेत्र.
भेलं.
गणेश.
य
"
ऋषिनाम नख. १ माथुर | मथुरिया २ भारत भारताणी ३ मालेव आसीवाण ४ हरिस्मति | हरिमोता ५ योगहट हटला ६ बलभद्र वलिअद ७ छैत्र छापरवाल ८ केशव कुबेरा
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कोटडा
क्रोध
त्रि
गौतम गौतम
गात्र. वेद. प्रवर. शाखा.
वास. माता. कश्यप
कोथमी जगन्नाथ | मथुरा सच्याय
एकदंत | भारद्वाज
शेरगढ भ्रामरी स्वर्णाकर्षण | गजानंद | शोनक
आमकगढ़ यक्षणी समशनिश्वर गणेश हरितस
मांचल महालक्ष्मी रक्तपान सुखोचित कौत्सव यजुः
माध्वनी
द्वारिका हथनापुर पध्यायी । शल
गणधरु सांडिल्य
| पिपल्या
कपिल छापरलाडणू सच्याय उनमत्त
लम्बोदर करमरी चामुंडा चंड
गजकर्ण उपमंथ साम
पंच कोथमी वद्रिका रंगपुर खीमाज | आनंद गणधीश कुंडलस पंच
देरावर सच्याय | भीषण चंद्रास पंच
साजनपुर
कपाल
धूम्रकेतु वत्सगोत्र | पंच
ओसिया मुंढार
असितांग सुमुख काश्यप | अथवेण
असतीनहन
अडगपुर ब्राह्मणी भूतेश्वर सुपनेश्वर पारासर पंच. मेडता | पुंडरीक
वक्रतुंड भारद्वाज पंच
भीनमाल
शहर भालचंद्र कपीजल पंच
कोडपुर । कालिका वटुक नीलवर्ण ये सब १६ ॥ गोत्रवाले जैनविश्नव रुद्रका मंदिर पूजते हैं इन्होंमें कोइ जैनधर्म मानता है
महाजनवंश मुक्तावली
देबेरा
विघ्ननाश
"
१० देवव्रत ११ शोम शांवलेरा १२ मूर्द्धना मुंधवाडा १३ जगदीशा जांगला १४ मांडव मडतवाल १५ भाल भीनमाल १६ कटि कटारूया . ॥ अबोटी
त्रिपुर
| भीमा
Parden

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