Book Title: Madhya Bharat Ke Jain Tirth Author(s): Prakashchandra Jain Publisher: Keladevi Sumtiprasad Trust View full book textPage 7
________________ प्रोफेसर प्रकाश चन्द्र जैन : 4-11-1945, वामौरकलां (चंदेरी के पास), शिवपुरी (म.प्र.) : श्री रामदयाल जी जैन, माता : श्रीमती नंदनबाई जैन शिक्षा : एम.ए. (भूगोल)- 1967 ( जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से प्रथम स्थान ) पूर्व पद : नायब तहसीलदार, गुना (म. प्र. ) प्राध्यापक भूगोल : जन्म पिता लेखक परिचय शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय टीकमगढ़ (म.प्र.) 1969-1984 शा. एम.जे.एस. महाविद्यालय भिण्ड (म.प्र.) 1984-2000 शा. महाराजा महाविद्यालय, छतरपुर (म. प्र. ) 2000-2007 एक दर्जन से अधिक राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में शोध-पत्र वाचन अनेक शोध पत्र प्रकाशित । प्रकाशित साहित्य श्री दशरथ जी जैन (छतरपुर) के साथ अंग्रेजी अनुवाद 1. शुद्धात्म तरंगणी - आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी 2. मदन पराजय - आचार्य श्री जिन नागदेव जी 3. इष्टोपदेश भाष्य - आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी 4. जेम्स ऑफ जैना विज्डम ( भाग 3, 4, 7 एवं 9) 5. तिलोयपण्णति (भाग 1, 2 एवं 3 ) - आचार्य श्रीयतिवृषभ जी स्वयं की कृतियां 1. विकसित व विकासशील देशों का तुलनात्मक अध्ययन (ब्राजील एवं अमेरिका) 2. जैन वाङ्मय में तीर्थंकर व अन्य महापुरुष 3. मध्य भारत के जैन तीर्थ 4. संक्षिप्त जैन रामायण 6■ मध्य- भारत के जैन तीर्थPage Navigation
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