Book Title: Leshya aur Manovigyan Author(s): Shanta Jain Publisher: Jain Vishva Bharati View full book textPage 9
________________ 1-18 19 -52 53-80 विषय-सूची प्राथमिकी प्रथम अध्याय : लेश्या का सैद्धान्तिक पक्ष जैन-दर्शन का द्वैतवाद और लेश्या का प्रत्यय लेश्या : परिभाषा के आलोक में लेश्या और योग के सन्दर्भ में विमर्श लेश्या विवेचन के विविध कोण द्रव्यलेश्या और भावलेश्या लेश्या और गुणस्थान लेश्या और भाव गति और लेश्या लेश्या की शुभ-अशुभ अवधारणा द्वितीय अध्याय : मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में लेश्या चेतना के विविध स्तर मूलप्रवृत्तियां और संज्ञाएं मनोवृत्तियों की प्रशस्तता/अप्रशस्तता कषाय (संवेग) की विविध परिणतियां लेश्या : स्थूल और सूक्ष्म चेतना का सम्पर्क-सूत्र अचेतन मन के स्तर पर कर्मबन्ध 'बिना भाव बदले मन नहीं बदलता अध्ययवसाय, लेश्या और परिणाम तृतीय अध्याय : रंगों की मनोवैज्ञानिक प्रस्तुति रंग का भौतिक पक्ष मानसिक भूमिका पर रंग-प्रभाव रंग के विविध आयाम रंग की गुणात्मकता और प्रभावकता विविध उपमाओं के साथ लेश्या-रंग लेश्या : समय, लम्बाई एवं वजन लेश्या और ऐन्द्रियक विषय रंगों का प्रतीकवाद रंग चिकित्सा चतुर्थ अध्याय : लेश्या और आभामण्डल तैजस शरीर, तैजस समुद्घात और तेजोलब्धि सूक्ष्म चेतना के स्तर रंगों की अनेक छवियां भावों के साथ जुड़ा आभामण्डल 81-110 111 - 124 Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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