Book Title: Lakshya Banaye Safalta Paye
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Pustak Mahal

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Page 2
________________ लक्ष्य बनाएँ सफलता पाएँ उठो, जागो और तब तक न रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। - स्वामी विवेकानंद उन्नत होना और आगे बढ़ना प्रत्येक जीव का लक्ष्य है। - अथर्ववेद ● कर्म, ज्ञान और भक्ति इन तीनों का जिस तरह ऐक्य होता है, वही श्रेष्ठ पुरुषार्थ है । - श्री अरविंद ● देवता पुरुषार्थी से प्रेम करते हैं, आलसी से नहीं । - ऋग्वेद V ईश्वर रूप होने का प्रयत्न ही सच्चा और एकमात्र पुरुषार्थ है। - महात्मा गांधी Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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