Book Title: Laghutattvasphota
Author(s): Amrutchandracharya, Padmanabh S Jaini, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

Previous | Next

Page 291
________________ 242 अन्वय अपरोक्ष अपर्याय अपवाद अपूर्ण अपूर्वकरण अपेक्षा अपोह अबाधित अबोध अभाग अभाव अरूप अर्थ अभिधानसत्ता 105 अभिनन्दन (देव) 4 अभिन अभेद अमूर्त अमृत अर्हत् अलोल अवगम - सीमा 537 81, 291, 339, 392 336 260 372 546 63 407 311, 491, 493, 494, 495, 608 305, 306, 454 348, 484 517 अवगाह अवचन 32, 91, 222, 232, 279, 292, 296, 413, 435, 436, 492, 519, 520, 522, 523, 524, 534, 541, 582, 585 अर (देव) 18 अरिष्टनेमि (देव) 22 326 - कृत् 489 - क्रिया 482,486 - पर्याय 119; - भाव 406; -रूप 405; सत्ता 104, 107 164, 526 206 244, 303, 489, 530, 555 121, 227 454, 456 8, 72, 136, 160, 198, 240 476, 578, 595, 618; - चन्द्र 25, 626, 626 - रस 618 384, 386, 568, 569, 573, - रस 568 450 404 Jain Education International अवधारणा अवबोध अवभास अवयव अवरक्ति अवस्था अवस्थिति अव्यक्त अव्याप्ति अशक्ति 273 315, 320 548 अवाच्य अविखण्ड 326 अविचिन्त्यशक्ति 321 330, 362, 394, 430, 449, 479, 447 अविभाग 462; -खण्ड 216 अविभिन्नधारा 458 अविमुक्तधारा 459 अविरत 575 अविलीन 333 अविशेष 445 अविषय 442, 564 409 570 360 असीम अस्तिता अस्तित्व आकार आकूत आकृति आगम आत्म 575, 604 9, 30, 328, 582, 584 359, 438; - ता 360 For Private & Personal Use Only अशुद्ध असंयम असङ्खच असत् असाधारण 461 असाधारणता 289 576 603 452 12, 188, 508, 571 151, 171 90 534 568, 572, 574 404 571 399, 426 15, 50, 83, 91, 96, 101, 104, 110, 390, 521, 538, 540, 604, 620, -आराम 599, 610; - गरिम 606; -घातिन् www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308