Book Title: Laghutattvasphota
Author(s): Amrutchandracharya, Padmanabh S Jaini, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad
View full book text ________________
248
परिणामिन् 319 परिनिर्वृत 311 परिवृत्ति परिशुद्धचित् 371
परिहार
287
परीषह
पर्याय
57
60, 71, 119, 120, 139, 141, 278, 355, 392, 429, 432, 438, 503, 507, 511, 517, 563, 569, 584
28, 36, 37, 41, 44, 45, 312, 336, 611, 612
पाक
625
पार्श्व (देव) 23
पुटपाक
625
पुण्य
590
पुद्गल
120, 347, 454, 611
पुद्गलता
108
पुराण
27
पुरुष
27, 61, 315, 452, 572
पूर्ण
10, 247, 299, 392, 436,
536, 550, 576
पशु
343, 605
प्रतिमा
प्रतिषेध
प्रत्यक्ष
प्रत्यय
पूर्वापरीभाव 245, 592
पौण्ड्रक
374
प्रकाशक
6
प्रकाश्यता
314
प्रकृति
61, 311, 335, 355, 360, 402, 559
प्रक्षीण
615
प्रज्ञोन्मेष 552
प्रणिधान
476
प्रतिबिम्ब 344
प्रतिबोधक 474
344
Jain Education International
80,
89, 338, 357
184, 193, 402
103 106, 474, 518, 601
प्रत्यासत्ति 446
प्रत्युत्पन्न 447 प्रत्येकतीर्थ
प्रदीप निर्वृति
प्रदेश
प्रभव
प्रमत्त
प्रमा
प्रमाण
प्रमाणता
प्रमाता
प्रमाद
प्रमिति
प्रमेय
प्रलय
प्रवर्तमान
प्रविभक्त
प्रविभाग
प्रागभाव
प्रालेयपिण्ड
फल
बद्ध
बन्ध
बल
बहिर्
186
485
70, 212, 219, 221, 452,
479, 589, – पुञ्ज 382;
- भेद 114 ; --शून्य 116
533, 566
615
For Private & Personal Use Only
529
315
109
1, 54, 99, 146, 306, 218,
621
619
5
54, 99, 109, 146, 218, 306,
315, 621
557
482
450
329
292, 535
237
544; --कृत् 612
22
65, 134, 177, 211
321, 603, 611
209, 319, 604, 620; -अङ्गसंयम 156; – अङ्गसङ्ग202; अङ्गहेतु 322; - अन्तर्मुख 367 –अर्थ, 97; - अर्थनि नव 109, 490 - अर्थसाधन 488, मुख 55; -- वस्तु 266; 496
बादरकर्मकिट्ट 64 बादर सूक्ष्मकिट्टिक 132
बाल
161, 352
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308