Book Title: Laghutattvasphota
Author(s): Amrutchandracharya, Padmanabh S Jaini, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 302
________________ 253 94 सिद्ध साकारेतर 260 साक्षात् 107, 160, 181, 207, 215, 221, 277 साक्षी सादिसिद्ध 71 सापेक्ष 416 सामान्य 117, 144, 217, 428, 481, 502, 512, 513, 514, 515, 517, 531, 542, 607, 608, 616, 617, -विशेष 117 सामायिक 52 साम्परायिकी 134 सावद्ययोग 52 71, 447; -त्व 138,215; -पर्यय 511; -रूप 41, 71 सीमा . 89, 121, 164, 166,167, 171, 188, 191, 222, 371, 422, 537, 541, 578, 627 सुख 72, 73, 111, 123, 213, 214, 261, 263, 303, 349, 569 सुगत 495 सुगुप्त 577 सुधाम्बु 397 सुधारस 377 सुन्दर 577 सुपार्श्व (देव) 7 सुबुद्धि (देव) 5 सुविधि (देव) 9 सूक्ष्मकषाय 65 सूत्र 203; - अर्थ 209 सैन्धवखिल्यलीला 238 198 स्तम्भित 614 स्थितिबन्ध 134 स्पन्दित स्पर्धक 351, 604; –पङक्ति 351, 357, स्फुरितात्मना 589 स्फुलिङग 399 स्यात्कार 403, 417, 422, 423, 424 स्यात्पद 476 स्याद्वाद 401, 418, 420, 450, 627; ---मुद्रा 187, 193, 195 स्वक्रमवृत्ति 439 स्वतत्त्व 165, 606, 618 स्वद्रव्य 435 स्वधातु 163 स्वपरनिमित्त 391 स्वपरप्रकाशन 473 स्वपरप्रविभाग 329, 387 स्वपरस्वरूपता 492 स्वपराकृति 337 स्वभाव 91, 112, 143, 169, 170, 176, 195, 217, 220, 222, 226, 228,231,232, 256,233 238, 242, 246, 247, 257, 288, 317, 325, 376, 379, 389, 391, 396, 397, 401, 424, 472, 532, 540, 557, 577, 578, 581, 582, 586, 587, 590, 594, 596, 604, 609, 615, 622, 625; -भाव 78, 82;-शक्ति 391;- सीमा 89, 164, 166, 167, 188 स्वयंवेदनसंवेद्य 272 स्वयम्भू स्वरस 42, 239, 380, 392, 403, 417, 559, 574; – प्लव 37 स्वरूप 119,279,537; -गुप्त 76, 149, 231; -परायण 570 स्ववस्तु 222 स्वशक्ति ___147, 148, 164, 168, 170, 179, 217, 379,386, 502,588 स्वात्माराम 610 सौख्य 613 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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