Book Title: Laghutattvasphota
Author(s): Amrutchandracharya, Padmanabh S Jaini, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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246
तत्त्व
288
तथागत तदतत् तदात्मता तद्रूपता तपस् तिमिकुल तीर्थ तुच्छता तुहिनोपल तृप्ति तेजस् तक्ष्ण्य त्रिकाल त्रिसमय त्रैकाल्य त्रैलोक्य दर्शन
ध्रुव
__165, 324, 325, 401, 426,
117, 120, 139, 278, 355, 450, 476, 480, 501, 534,
425, 429, 431, 4:2, 434, 536, 555, 558, 606, 610,
503, 516, 521, 531, 569, 618, 627
581,583, 584, 594; -आत्मन् 495
581; -संयम 53, 210 द्वय
570: --वेदना 311 551
द्वितयस्वभाव 325 372
द्विरूपशक्ति 413 41, 54, 55,60, 125, 127, 130 द्वेष
610 385
द्वैत 14, 190 182, 183, 186
द्वयात्मक 185, 351, 360, 364, 368, 248, 460, 522
371, 438, 505; -दृष्टि 458 333
द्वयात्मत्व
439 257, 352
धर्म (देव) 15 26, 125, 155, 173, 235, 622 धर्ममण्डली 303, 304 606, 616
धातु . 163, 254, 392, 479 84
458, 505; –ता 595, 510 376, 545,546, 554, 561,571 ध्रौव्य 533 443
ध्वनि 402, 414 564,577, 579, 580 .
226, 522; -ईक्षण 50, ओध 72, 219, 259, 262, 313,
529 368, 477; -ज्ञान 266
नवता
509 169, 472
नानाकार 174
नानात्व 196, 197, 349
नामावलि 25 245; -अवगम 384, 573; नाश 11, 508 --अस्त्र 354; -ज्ञप्ति 260,261, नास्तिता 90 263, 269, 270, 589; -प्रसर निकष 548 15; -बोध 52, 73, 213, 220, निकाचित 58 221, 580, 598; -वीर्य 214; निग्रह --संवित् 605; -संवित्ति 544 निज - कला 623; -धारा 4603; - भाव। --गोचर 327; -ज्ञप्ति 267, 268,
456; ---रस 595 271; -बोधमात्र 26, 27 नित्य 11, 36, 295, 302, 363, 364, 340
507, 530, 544, 550, 576, 121, 194, 203, 215, 226,
611; --अनित्य 432, 434; - पूर्ण 233, 324, 452, 478, 611
235; -- व्यक्त 545 42. 53, 60, 88, 102, 116, निभृत
556
दिक्काल दिङमण्डल दुःख
191
612
इशि
दृश्य
द्रव्य
21
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