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परमपूज्या श्री १०५ गणिनी आर्यिका विदुषिरत्न सम्यग्ज्ञान शिरोमरिण सिद्धान्त विशारद, जिनधर्म
प्रचारिका विजयामती माताजी
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मंगलमय शुभाशीर्वाद ग्रथमाला समिति के प्रकाशन सयोजक श्री शाति कुमारजी गगवाल के पत्र से विदित हुआ श्री दिगम्बर जैन कुन्थु विजय ग्रथमाला समिति से लघुविद्यानुवाद ग्रथ का पुन प्रकाशन होने जा रहा है । इस ग्रथ की पुनरावृति ही इसके महत्त्व और जनप्रियता की द्योतक है। यह ग्रथ मानव जीवन का परोपकारी है । ससारिक जीवो के क्षुद्र सकटो का निवारण कर मानव को स्वास्थ्य प्रदान करने वाला है । यह ग्रथमाला समिति नाति प्राचीन होने पर भी एक सुदृढ और सुव्यस्थित सस्था है । इसके सभी प्रकाशन प्रार्प परम्परा के अनुकूल और जिनशासन के प्रवर्द्धक है । ग्रथमाला समिति अपने उद्देश्यो का समुचित रक्षण करती रहे, यही हमारी शुभ भावना है। समिति के प्रकाशन सयोजक श्री शाति कुमारजी गगवाल कर्मठ, देव शास्त्र गुरुभक्त है । उनका प्रयास और ज्ञान सद्धित होता रहे, यही हमारा उनके लिये मगलमय शुभाशीर्वाद है। अन्य सहयोगी मण्डल भो अपना अमूल्य समय जिनवाणी प्रचार-प्रसार मे लगाने की योग्यता प्राप्त करे, उन्हे भी सधर्म वृद्धि आशीर्वाद है।
१०५ गरिनो आर्यिका विजयामती