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परमपूज्य श्री १०८ प्राचार्यरत्न आदिसागरजी महाराज (अंकलीकर) के तृतीय पट्टाधीश श्री १०८ प्राचार्यरत्न
मुक्तिपथ नायक संत शिरोमणि
सन्मतिसागरजी महाराज
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मंगलमय शुभाशीर्वाद हमे यह जानकर प्रशन्नता है कि श्री दिगम्बर जैन कुन्थु विजय ग्रथमाला समिति जयपुर (राजस्थान) द्वारा लघुविद्यानुवाद ग्रथ का द्वितीय सस्करण के रूप मे प्रकाशन हो रहा है।
ग्रथ का पुन प्रकाशन होना ग्रथ की लोकप्रियता व लाभकारी होने का ही प्रमाण है। इस महत्त्वपूर्ण ग्रथ के पुन. प्रकाशन से भव्य जीव मिथ्यादृष्टि मत्रादि से बचकर सम्यकदृष्टि मत्रादि को अाराधनाकर रत्नत्रय की आराधना करते हुये मोक्ष मार्ग मे लगेगे, ऐसा हमारा विश्वास है । गणधराचार्य कुन्थुसागरजी महाराज को हमारा बहुत-बहुत आशीर्वाद है।
नथ प्रकाशन के कार्य के लिये प्रथमाला समिति के प्रकाशन सयोजक श्री शातिकुमारजी गगवाल व इनके सहयोगियो को हमारा बहुत-बहुत आशीर्वाद है, कि भविष्य मे भी इसी प्रकार कार्य करते रहे।
प्राचार्य सन्मतिसागर