Book Title: Laghu Prakaran Sangraha Author(s): Shravak Bhimsinh Manek, Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 7
________________ कारि किमि पूयरगा, बेइंदियमा वाहाई॥ १५॥ गोमी मंकण जूआ, पिपी लि उद्देहिया य मक्कोडा ॥इल्लिय घयमिल्ली, सावय गोकीड जाई ॥१६॥ गद्ददय चोर कीमा, गोमयकीडा य धन्नकीडा य ॥ कुंथु गुवालिय इलिया, तेइंदिय इंदगोवाई॥ १७॥ चरिंदिया य विलू, ढिंकुण नमरा य नमरिया तिड्डा ॥ मबिय मंसा मसगा, कंसारी कविलडोलाई॥२॥ पंचिंदिया य च ॥ उहा, नारय तिरिया मणुस्स देवा य॥नेरश्या सत्तविदा, नायवा पुढवि ने एणं ॥१॥ जलयर थलयर खयरा, तिविदा पंचिंदिया य तिरिखा य ॥ सु । सुमार मन कबव, गाढा मगरा य जलचारी ॥२०॥ चनपय नरपरिसप्पा, नुयपरिसप्पा य थलयरा तिविदा ॥गो सप्प ननल पमुहा, बोधवा ते समा ४॥ सेणं ॥॥ खयरा रोमयपरकी, चम्मयपरकी य पायडा चेव ॥ नरखोगा बाहिं, समुग्गपरकी वियय पकी ॥ २२ ॥ सवे जल थल खयरा, समुचि Jain Educational For Personal and Private Use Only M ainelibrary.orgPage Navigation
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