Book Title: Kuvalaymala Part 03
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust

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Page 20
________________ (३१२) 1 ति भणमाणस्स सव्वं सजीकयं, धमिउं समाढत्ता । थोव-वेलाए य जाणिऊण जाला-विसेसं कुमारेणं अवलंबिऊण सत्तं णमोक्कारिया सव्व-जय-बंधवा 3 जिणवरिंदा, पणमिया सिद्धा, गहियं तं पडिवाय-चुण्ण, अभिमंतियं च इमाए विजाए । अवि य ‘णमो सिद्धाणं णमो जोणी-पाहुड-सिद्धाणं इमाणं' । इमं 5 च विजं पढ़तेण पक्खित्तं मूसा-मुहम्मि, धग त्ति य पज्जलिया मूसा ओसारिया य, णिसित्ता णिसेएण थोव-वेलाए णियच्छियं जाव विजु-पुंज-सच्छयं कणयं 7 ति । तं च दद्रूण सव्वे पहरिस-वसुल्लसंत-रोमंचा णिवडिया चलणेसु कुमारस्स, __ भणिउं च पयत्ता । ‘णमो णमो महाणरिंदस्स । अहो अच्छरियं । तं चेयं खेत्तं, 9 तं चेय चुण्णं, सो चेय णिसेओ । अम्हं तंब जायं, तुह पुण हेमं ति । अत्थि __ परिस-विसेसो त्ति । ता साह, एस को विसेसो' त्ति भणिए संलत्तं कुमारेणं 11 'भो भो तुम्हे सद्धाभिसंकिणो सत्त-मंत-रहिया । मए पुण सत्तं अवलंबियं, पणमिओ इट्ठ-देवो, मंतं पढियं, तेण मह सिद्धं एयं, ण उण तुम्हाणं'ति । तेहिं 13 भणियं 'देसु अम्हाणं तं मंतं, साहसु य तं सिद्ध-देव-सुयं ति' । कुमारेण भणियं । ‘एत्थ अधिकय-देवओ भगवं सव्वण्णू जेण एयं सव्वं जोणीपाहडं 15 भणियं, ता तस्स णमोक्कारो जुज्जई' । मंतो ‘णमो अरहंताणं णमो सव्वसिद्धाणं' ति भणंतो समुट्ठिओ कुमारो वच्चामि अहं' ति । तओ तेहिं ससंभमं 17 पायवडिएहि भणिओ ‘देव, पसीदसु करेसु पडिवज्जसु ओलग्गं ति । तुब्भे उवज्झाया, अम्हे चट्ट' त्ति । कुमारेण भणियं 'दिण्णा मए तुम्हाणं विजा । 19 संपयं जं चेह कुणह तं चेय सिज्झइ त्ति । पडिवण्णा य मए ओलग्गा । जइया कहिंचि कुवलयचंदं पुहईवई सुणेह तइया आगंतव्वं' त्ति भणमाणो पत्थिओ 21 कुमारो मण-पवण-वेगो तं चेय दिसं जत्थागओ, संपत्तो कडय-संणिवेसं उवगओ सयणीयं जाव कुवलयमाला विउद्धा ससंभम-पसारिय-लोल-लोयणा ___1) P सज्जीवकयं धंमिउमाढत्ता. 2) J अविलंबिऊण. 3) J पणमिता, P अहमंतियं. 4) J सिद्धादि for इमाणं. 5) P पज्जलियाओ मूसाओ. 6) J णिसेएत्थोअ, P णिसेतेण, J adds य before णियच्छियं, P विजपुंज. 7) P सव्वपहारिसवसूल्लसंतरोमंच, J वसूसलंत. 8) P कुभणियं for भणिउं. 9) P हेमन्ति. 11) J तुब्भे for तुम्हे, P om. सद्धाभिसंकिणो, Jom. सत्त. 13) P adds हसु after साहसु, J देवयं for देवसुयं, P om. कुमारेण भणियं । ‘एत्थ etc. to अम्हे चट्ट' त्ति । 14) J अधिकअदेवतो. 18) J चट्टंति. 21) J वेओ for वेगो. 22) J सणियं for सयणीयं, P पसरिय.

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