Book Title: Kuvalaymala Part 01
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust

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Page 6
________________ (२) ३ 1 (२) इह कोह-लोह-माण-माया-मय-मोह-महाणुत्थल्ल-मल्ल__णोल्लणावडण-चमढणा-मूढ-हिययस्स जंतुणो तहा-संकिलिट्ठ-परिणामायास3 सेय-सलिल-संसग्ग-लग्ग-कम्म-पोग्गलुग्ग-जाय-घण-कसिण-कलंक पंकाणुलेवणा-गरुय-भावस्स गुरु-लोह-पिंडस्स व जलम्मि झत्ति णरए चेव 5 पडणं । तत्थ वि अणेय-कस-च्छेय-ताव-ताडणाहोडण-घडण-विहडणाहिं अवगय-बहु-कम्म-किट्टस्स जच्च-सुवण्णस्स व अणट्ठ-जीव-भावस्स किंचि7 मेत्त-कम्म-मलस्स तिरिय-लोए समागमणं । तत्थ वि कोइल-काय-कोल्हुया कमल-केसरी-कोसिएसु वग्घ-वसह-वाणर-विच्चुएसु गय-गवय-गंडय-गावी9 गोण-गोहिया-मयर-मच्छ-कच्छभ-णक्क-चक्क-तरच्छ-च्छभल्ल-भल्लकि-मय महिस-मूसएसुं सस-सुणउ-संबर-सिवा-सुय-सारिया-सलभ-सउणेसु, तहा 11 पुहइ-जल-जलणाणिल-गोच्छ-गुम्म-वल्ली-लया-वणस्सइ-तसाणेय-भव भेय-संकुलं भव-संसार-सागरमाहिंडिऊण तहाविह-कम्माणुपुवी-समायड्डिओ 13 कह-कह वि मणुयत्तणं पावइ जीवो त्ति । अवि य । (३) बहु-जम्म-सहस्स-णीरए बहु-वाहि-सहस्स-मयरए । 15 बहु-दुक्ख-सहस्स-मीणए बहु-सोय-सहस्स-णक्कए ।। एरिसए संसारएँ जलहि-समे हिंडिऊण पावऍहिं । 17 पावइ माणुस-जम्मयँ जीवो कह-कह वि पुव्व-पुण्णऍहिं ।। तत्थ वि सय-जवण-बब्बर-चिलाय-खस-पारस-भिल्ल-मुरंडोड्ड-बोक्कस19 सबर-पुलिंद-सिंघलाइसु परिभमंतस्स दुल्लहं चिय सुकुल-जम्मं ति । तत्थ वि ___ काण-कुंट-मुंट-अंध-बहिर-कल्ल-लल्लायंगमो होइ । तओ एवं दुल्लह-संपत्त21 पुरिसत्तणेण पुरिसेण पुरिसत्थेसु आयरो कायव्वो त्ति । अवि य । रुद्दम्मि भव-समुद्दे तुलग्ग-लद्धम्मि कह वि मणुयत्ते । 2) J रमढणा, P ०णाम आ. 4) J गरुव, J पिण्ड०, P जलंमि ज्झत्ति. 5) P च्चिअ णेयकयच्छेय, J होडणाघण. 6) P सुवन्नस्स वाण?. 7) J तत्थ कोइला, J कोल्हुआ. 8) J गण्ड०, P गाय for गावी. 9) J गोहिआ P गोहिय, P तरछाछ०, J मअ. 10) P मूसएसु, J सुणउ संवर P सससउणसंबर, J सुअ, P सउणेसु J सउणसिप्पईसु. 11) P णानिल, J गोच्छ, P गुच्छ, J स्सई, J भवसयभेय. 12) P संकुलम्, P om. सागर, J हिण्डि०, J वि तहाविह, J समाअट्ठिओ. 13) J मणुअत्तणं, J अवि अ. 14) J णरए, P नीरए. 15) J बहुसोयमहासमुद्दए बहुमाणतरंगए संसारए जलहिं सम हिण्डि०. 16) P हिंडिऊण य पावइ. 17) J माणुस्स, J वि पुण्णएहिं P वि पुव्वपुन्नएहिं. 18) J मुरुडोण्डबोकस. 19) J दुलहं चेव आरियखेत्तं ति ।. 20) J काणकोण्टभण्टअन्ध, P कल्लल्लल्ला, J संपत्तआरियत्तणे पुरिसेण. 22) P रुंदमि, P ललुमि, J मणुअत्ते.

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