Book Title: Kuvalaymala Part 01
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust

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Page 13
________________ 1 जहा तेण केवलिणा अरण्णं पविसिऊण पंच-चोर-सयाइं रास-णच्चण-च्छलेण महा-मोह-गह-गहियाई अक्खिविऊण इमाए चच्चरीए संबोहियाई । अवि य । 3 संबुज्झह किं ण बुज्झह एत्तिए वि मा किंचि मुज्झह । कीरउ जं करियव्वयं पुण ढुक्कइ तं मरियव्वयं ।। इति धुवयं । कसिण-कमल-दल-लोयण-चल-रेहंतओ। पीण-पिहुल-थण-कडियल-भार-किलंतओ । ताल-चलिर-वलयावलि-कलयल-सद्दओ। रासयम्मि जइ लब्भइ जुवई-सत्थओ ।। 9 संबुज्झह किं ण बुज्झह । पुणो धुवयं ति । तओ अक्खित्ता । असुइ-मुत्त-मल-रुहिर-पवाह-विरूवयं । वंत-पित्त-दुग्गंधि-सहाव-विलीणयं । मेय-मज-वस-फोप्फस-हड्ड-करंकयं । चम्म-मेत्त-पच्छायण-जुवई-सत्थयं ।। संबुज्झह किं ण बुज्झह । तओ विक्खित्ता । कमल-चंद-णीलुप्पल-कंति-समाणयं । मूढएहि उवमिज्जइ जुवई-अंगयं ।। थोवयं पि भण कत्थइ जइ रमणिज्जयं । असुइयं तु सव्वं चिय इय पच्चक्खय ।। 19 संबुज्झह किं ण बुज्झह । तओ संविग्गा । जाणिऊण एयं चिय एत्थ असारए । 21 असुइ-मेत्त-रमणूसव-कय-वावारए । कामयम्मि मा लग्गह भव-सय-कारए । 1) J अरण्णं पइसि०, P अरन्नं, P नच्चणछलेण. 2) J हिआई, P मोहग्गहग्गहि०, P हियाणि. 3) JP किण्ण, J एत्तिल्लए. 4) P बुक्कइ, J मरिअ०. 5) P लोयण वलारहंतओ. 6) P पिहुलघणकहियल, J कडिअल, P किरंतओ. 7) J वलिर, P वयलावलि. 8) P रासयंमि, J जुअतीसत्थओ. 9) JP किण्ण, Jom. ति, P तत्तो for तओ. 11) J मंस for वंत, P पित्तं, P विरूवयं ।. 12) J मय, J वसप्फो०. 13) J प्पच्छाअणजुअती. 14) J किण्ण, P किं न बुज्झहा. 15) P नीलु०. 16) P •एहिं, J जुवती०. 17) P भणहइ तत्थ जइ. 18) P नु for तु, J इअ. 19) J किण्ण P किन्न बुज्झहा, J संविग्गाउ P संकिग्गा. 20) J चिअ एत्थ P चियत्थ. 21) P रमण्णसववावारए ।. 22) JP व्यंमि,

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