Book Title: Kuvalaymala Part 01
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust
View full book text
________________
1 पणईहि कइयणेण य भमरेहि व जस्स जाय-पणएहिं ।
कमलायरो व्व कोसो विलुप्पमाणो वि हु ण झीणो ।। 3 सयल-कलागम-णिलया सिक्खाविय-कइयणस्स मुहयंदा ।
कमलासणो गुणड्ढो सरस्सई जस्स वड्डकहा ।। 5 जे भारह-रामायण-दलिय-महागिरि-सुगम्म-कय-मग्गे ।
लंघेइ दिसा-करिणो कइणो को वास-वम्मीए ।। 7 छप्पण्णयाण किं वा भण्णउ कइ-कुंजराण भुवणम्मि ।
अण्णो वि छेय-भणिओ अज्ज वि उवमिज्जए जेहिं ।। 9 लायण्ण-वयण-सुहया सुवण्ण-रयणुज्जला य बाणस्स ।
चंदावीडस्स वणे जाया कायंबरी जस्स ।। जारिसयं विमलंको विमलं को तारिसं लहइ अत्थं ।
अमय-मइयं व सरसं सरसं चिय पाइयं जस्स ।। 13 ति-पुरिस-चरिय-पसिद्धो सुपुरिस-चरिएण पायडो लोए ।
सो जयइ देवगुत्तो वंसे गुत्ताण राय-रिसी ।। 15 बुहयण-सहस्स-दइयं हरिवंसुप्पत्ति-कारयं पढमं ।
वंदामि वंदियं पि हु हरिवरिसं चेय विमल-पयं ।। 17 संणिहिय-जिणवरिंदा धम्मकहा-बंध-दिक्खिय-णरिंदा ।
कहिया जेण सुकहिया सुलोयणा समवसरणं व ।। 19 सत्तूण जो जस-हरो जसहर-चरिएण जणवए पयडो ।
कलि-मल-पभंजणो च्चिय पभंजणो आसि राय-रिसी ।। 21 जेहि कए रमणिजे वरंग-पउमाण चरिय-वित्थारे ।
कह व ण सलाहणिजे ते कइणो जडिय-रविसेणे ।।
1) P ईहिं, J कइअणेण, P रेहिं. 2) P न for ण. 3) P निलया, P कइयणो सुमुह०. 4) P सणा गुणड्डा. 5) P om. कय. 6) J धम्मीए, P वंम्मीए. 7) P छप्पन्न, P भन्नइ, P कय for कइ, J भुअणंमि P भुवणंमि. 8) P अन्नो. 9) P लायन्न, P सुयण्ण. 10) P वीणस्स. 11) J को अण्णो (हुअणो on the margin) for the 2nd विमलं को. 12) J मइअं व P मइयं च, J चिय पाययं P विय पाइयं. 13) P तिउरिस. 15) J दइअं. 16) P हु हरिवंसं चेव. 17) J सण्णिहिय P सन्निहिय, P नरिंदा. 18) J सुकहियाउ सु०, P वा for व ।. 19) P जसहरिचरिएहिं. 20) P मलयभंजणो, P पहंजणो. 21) P जेहिं. 22) P न, J जडिअ, P सेणो.

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 244