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[ १७६ षोडशक की टीका जैनेतर ग्रन्थों पर टीकाएँ
+३ पातञ्जलयोगदर्शन की ६ स्याद्वादमञ्जरी की टोका(?)*
टीका +१काव्यप्रकाश की टीका-x दिगम्बर ग्रन्थों पर टीका
+२ न्यायसिद्धान्तमञ्जरी . +१ अष्टसाहस्री की टोका शब्दखण्ड की टीका
अन्यकर्तृक-लभ्य संशोधित ग्रन्थ १. धर्मसंग्रह [स्वकीय टिप्पणी सहित]
२. उवएसमाला-उपदेशमाला बालावबोध
सम्पादित-ग्रन्थ द्वादशारनयचक्रोद्धार टीका प्रालेखनादि
स्वकृत संस्कृत और प्राकृत के अलभ्य ग्रन्थ तथा टीकाएँ १ अध्यात्मबिन्दु
____टीका पर की गई टीका] १५ वादरहस्य २ अध्यात्मोपदेश ७ ज्ञानसार प्रवरिण
१६ वादार्णव ३ अनेकान्त (वाद)प्रवेश ८ तत्त्वालोकविवरण १७ विधिवाद ४ अलङ्कारचूडामरिण की टीका
त्रिसूत्र्यालोकविवरण १८ वेदान्तनिर्णय [हैमकाव्यानुशासन की स्वो१० द्रव्यालोक
१६ वेदान्तविवेकसर्वस्व पज्ञ 'अलंकारचूडामणि' टीका पर की गई टीका]
स्वोपज्ञटीका सहित २० शठप्रकरण ५ पालोकहेतुतावाद
११ न्यायबिन्दु (?) । २१ सिरिपुज्जलेह ६ छन्दश्चूडामरिण को टोका १२ न्यायवादार्थ
(श्रीपूज्यलेख) . [हैमछन्दोनुशासन की स्वो- १३ प्रमारहस्य
२२ सप्तभङ्गोतरङ्गिणी . पज्ञ 'छन्दश्चूडामणि' की १४ मङ्गलवाद
२३ सिद्धान्ततर्कपरिष्कार ___ इनके अतिरिक्त [हारिभद्रीय-] १६ विशिकाओं पर की गई १६ टीकाएँ तथा अन्त में 'रहस्य' शब्द-पद से अलंकृत अनेक प्रकरण ग्रन्थ और अन्य उल्लिखित 'चित्ररूपप्रकाश', 'ज्ञानकर्मसमुच्चयवाद' प्रादि छोटी-बड़ी कृतियाँ। इसी प्रकार बहुत सी कृतियाँ अप्राप्य भी हो गई हैं।
गुजराती, हिन्दी और मिश्रभाषा में उपलब्ध कृतियाँ' १ अगियार अंग सज्झाय *४ अध्यात्ममत परीक्षा बाला- X६ प्रादेशपट्टक २ अगियार गणधर नमस्कार . वबोध
७अानन्दघन अष्टपदी ३ अढार पापस्थानक सज्झाय ५ अमृतवेलीनी सज्झायो (दो) ८ पाठ दृष्टिनी सज्झाय १. इन गूर्जर कृतियों का अधिकांश भाग 'गूर्जर साहित्य संग्रह' भाग-१, २ में मुद्रित हो चुका है। २. सज्झाय शब्द मूलतः स्वाध्याय का प्राकृत रूप है।