Book Title: Kavya Prakash Dwitya Trutiya Ullas
Author(s): Yashovijay
Publisher: Yashobharti Jain Prakashan Samiti

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Page 332
________________ १८० ] एक सौ पाठ बोल संग्रह वन, स्तबक सहित ४० श्रीपालरास (केवल उत्तx१० कायस्थिति स्तवन [प० सं० १२५] रार्ध) ११ चड्या पड्यानी सज्झाय २५ निश्चयव्यवहारगर्भित ४१ समाधिशतक (तन्त्र) १२चौबीसीसो (तीन), [पद्य सं. शान्ति जिनस्तवन ४२ समुद्र-वहारण संवाद [प० सं०४८] X४३ संयमरिण विचार सज्झाय १३ जस विलास (प्राध्यात्मिक २७ नेमराजुल गीत स्वोपज्ञ टबार्थ सहित पद) [पद्य सं० २४२] २८ पंचपरमेष्ठी गीता ४४ सम्यक्त्वना सड़सठ बोलनी +१४ जम्बूस्वामी रास [प० सं० १३१] सज्झाय [प० सं ६५] पद्य सं०६६४) २६ पंचगणधर भास १५ जिनप्रतिमा स्थापननी ४५ सम्यक्त्व चौपाई, अपरनाम ३० प्रतिक्रमणहेतुगर्भ सज्झाय सज्झाय (तीन) ३१ पंचनियंठि (पंच निम्रन्थ षट्स्थानक स्वाध्याय १६ जैसलमेर के दो पत्र . संग्रह) बालावबोध .. स्वोपज्ञ टीका सहित ४६ साधु-वन्दना रास ४१७ ज्ञानसार बालावबोध ३२ पांच कुगुरु सज्झाय. x१८ तत्त्वार्थाधिगमस्तोत्र, बाला [प० सं १०८] ३३ पिस्तालोश प्रागम सज्झाय बोध ४७ साम्यशतक (समताशतक) ३४ ब्रह्मगीता x१६ तेर काठिया निबन्ध (१) ४८ स्थापनाचार्यकल्प सज्झाय ३५ मौन एकादशी स्तवन २० दिक्पट चोरासी बोल ३६ यतिधर्म बत्रीसी ४६ सिद्धसहस्रनाम छन्द २१ द्रव्यगुण पर्याय रास स्वो- x३७ विचार बिन्दु [प० सं० २१] पज्ञ टबार्थ सहित [धर्मपरीक्षा का वार्तिक] ५० सिद्धान्तविचारगभित सीम२२ नवपक्पूजा (श्रीपालरास के ३८ विहारमान जिनविंशतिका न्धरजिन स्तवन अन्तर्गत) [प० सं० १२३] स्वोपज्ञ ट्रबार्थ सहित २३ नवनिधान स्तवनो ३६ वीरस्तुतिरूप हंडी का स्तवन [पद्य० सं० ३५०] २४ नयरहस्यभित सीमन्धर स्वोपज्ञ बालावबोध सहित ५१ सुगुरु सज्झाय स्वामी की विनतिरूपतर- [प० सं०१५०] . ५२ तर्कसंग्रह बालावबोध अन्यकर्तृक ग्रन्थों के अनुवाद रूप में ___ गुर्जर भाषा को अप्राप्य कृतियां १-यानन्दघन बावोशी-बालावबोध तथा २-अपभ्रंश प्रबन्ध (?) x यह चिह्न अप्रकाशित कृतियों का सूचक है। + यह चिह्न उपलब्ध संस्कृत सूची में अनुल्लिखित कृतियों का सूचक है क्योंकि ये ग्रन्थांश रूप में ही प्राप्त हैं ।

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