________________
[ १८३ ४-नमस्कार-मन्त्र सिद्धि ५-जैन संस्कृतसाहित्यनो इतिहास भाग १-२-३ ६-यशोदोहन
(सं. २०२२) ७-उवसग्गहरं स्तोत्र याने जैनमन्त्रवादनी जयगाथा
(सं. २०२५) ८-ऋषिमण्डल आराधना ९-समाधिमरणनी चाबी
(सं. २०२४) १०-संगीत, नृत्य अने नाट्य सम्बन्धी जैन उल्लेखो अने ग्रन्थो
(सं. २०२६) ११-ऋषिमण्डलस्तोत्र
(सं. २०१२) १२-ऐन्द्रस्तुति
(सं. २०१०) १३-वैराग्यरतिः'
(सं. २०२५) इनके अतिरिक्त मुनिजी ने 'खेमो देदराणी, संगीतसुधा, जैन तपावलि और तपोविधि, जैनदर्शन संग्रह स्थानपरिचय, यक्षयक्षिणीचित्रावली, अमृतधारा, नवतत्त्व-दीपिका, अमर उपाध्याय जी, प्रगटयो प्रेमप्रकाश इत्यादि लघु पुस्तकों पर छोटे तथा आवश्यकतानुसार प्राक्कथन अथवा प्रस्तावनाएँ भी लिखी हैं।
(८) अप्रकाशित कृतियां १-पाणिनीय 'धातुकोष' (सम्पूर्ण रूप तथा आवश्यक टिप्पणीसहित) २-पाणिनीय 'उणादिकोष' (धातु, गण, सूत्र, प्रत्यय, व्युत्पत्ति, लिङ्ग और फलित शब्द
उनके हिन्दी अंग्रेजी एवं गुजराती पर्याय सहित) ३-सिद्धचक्रबृहद्यन्त्रोद्धारपूजनविधि
(विविध चित्रसहित) ४-ऋषिमण्डलयन्त्र पूजनविधि
(विविध चित्रसहित) ५-हारिभद्रीय कतिपय विशिकाओं का भाषान्तर । ६-ऋषिमण्डल स्तोत्र (मूल, अर्थ तथा आवश्यक चित्रों के साथ) ७-अढार अभिषेक विधि
(E) विचाराधीन कृतियां १-पारिभाषिक शब्द-ज्ञान कोश, जैनधर्म से सम्बन्धित निम्नलिखित कोश चित्र सहित
१-आगमशब्दकोश (पंचांगी) -आचारशब्दकोश ३-प्रतिक्रमणसूत्र शब्दकोश ४-द्रव्यानुयोगशब्दकोश ५-भूगोल, खगोल, ऐतिहासिक जैन राजा, मन्त्री आदि से सम्बद्ध परिचय कोश ६-कथाकोश (व्यक्ति के नाम तथा उसकी अतिसंक्षिप्त प्रामाणिक कथा)
१. इसमें उपाध्यायजी की स्वहस्तलिखित तथा अन्य प्रतियों के आद्य एवं अन्तिम पत्रों की ५० प्रति कृतियों के
मालम्बन की सं. २०१७ में प्रकाशित प्रस्तावना को स्थान दिया गया है;