Book Title: Kasturi Prakar
Author(s): Punyapalsuri
Publisher: Parshwabhyuday Prakashan

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Page 3
________________ स्थानः सात सरोज सुंदररसे श्रीमा नि स शक्करः केशानां विवयः मा घाटी एसिताः इसलिए वस्ते संख सेतो विश्वस नासु वैर्जड दम पुत्र सनिर्गुलः॥श तारुषोत्तम तापिय स्थितिमुपैतिन रेता दिदस्निग्धस्तादि गोर से विदा सो स्वं वादि रामेतिऊनाने सुनितमानादो दातु मोतियो कः सदालोकवान तैलेरेवनवे नदिनिम्ि मजा छिमात्र तुषितैरथनैः स्थितं त्रिदशारिनिति दायिनि स्निग्सेर से न निदधे ते राल नालेजले ि स्वर्गावर्गासार खर्च मदा ae रे face VS.CO સમાંતર Obs phite

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